हाई कोर्ट पहुंचा 20 लाख EVM गायब होने का मामला, अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला

हाई कोर्ट पहुंचा 20 लाख EVM गायब होने का मामला, अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश में 20 लाख EVM गायब होने का मामला अब गर्माता जा रहा है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर में इस संबध एक जनहित याचिका दाखिल कर दी गई थी. जिस पर आज अदालत में सुनवाई हुई. साथ ही उच्च न्यायालय ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. दरअसल जनहित याचिका में कहा गया है कि ईवीएम मशीनें गायब होने के मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ फौजदारी मतलब आपराधिक मामला दर्ज किया जाएं. साथ ही ईवीएम की पूरी राशि वसूली जाएं.और पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जाएं.

इस संबधं में 22 मई को उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ में एक जनहित याचिका सीनियर एडवोकेट उमेश बोहरे ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ जनहित याचिका पेश की थी. उमेश बोहरे ने इस याचिका में मुख्य चुनाव आयुक्त समेत 14 लोगों आरोपी बनाया है. इसके साथ ही चुनाव आधिकारी, कलेक्टर ग्वालियर, कलेक्टर मुरैना, कलेक्टर भिंड, कलेक्टर गुना को भी आरोपी बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि गायब हुई ईवीएम का इस्तेमाल देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही ग्वालियर चंबल संभाग में लोकसभा चुनाव में किया गया है.

बहरहाल अब ईवीएम की जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है. अब इस मामले में अदालत कभी भी अपना फैसला सुना सकती है. आपको बता दें कि मुंबई के आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने 27 मार्च 2018 को बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में उन्होंने ईवीएम की खरीद, स्टोरेज और डिलीवरी में शामिल प्रक्रियाओं के संबंध में जानकारी मांगी थी. 

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