भोपाल: कोरोना वायरस के चलते मध्य प्रदेश स्कूली शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे बच्चों की पहचान करें जिन्हें सर्दी, खासी और बुखार हो और उन्हें घर में ही रहने की सलाह दें. शिक्षा विभाग ने कोरोना वायरस को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. इसमें कहा गया है कि ऐसे बच्चे जिनकी तबीयत खराब हो शिक्षक उनके अभिभावकों को उन्हें घर में ही रहने की बात कहें. इसके साथ ही ऐसे बच्चों की परीक्षा अलग से ली जाए या बाद में परीक्षा लेने का प्रबंध किया गया है. इस गाइडलाइन के साथ ही सर्दी-बुखार से पीड़ित सभी विद्यार्थी परीक्षा के दौरान मुंह पर मास्क पहनकर आएं.
वहीं, गाइडलाइन में शिक्षकों को भी कहा गया है कि यदि वे सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित हों तो सावधानी रखें और स्कूल न आएं. वहीं, इसके साथ ही हॉस्टल वॉर्डन के लिए भी बच्चों में सदी-बुखार को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
प्रदेश में स्कूली शिक्षा विभाग कोरोना वायरस के संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाएगा. जिसमें बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया हैं. वहीं, विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने आदेश जारी कर सभी जिलों के कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक को स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा है. आपको बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व उसके प्रति स्कूली बच्चों में जागरूकता फैलाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मप्र स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है.
महू में देश का पहला और दुनिया का दूसरा इन्फेंट्री म्यूजियम तैयार
कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, इस कानून को लेकर किया बड़ा हमला
बिजली बोर्ड में इन पदों को भरने की प्रक्रिया अगले सप्ताह से होगी शुरू