सूरत के मांगरोल तालुका में गांठदार त्वचा रोग एक महत्वपूर्ण चिंता के रूप में उभरा है। यहां स्थिति और उससे निपटने के लिए की जा रही कार्रवाइयों का व्यापक अवलोकन दिया गया है।
गांठदार त्वचा रोग का उद्भव
- 25 अगस्त, 2023: सूरत के मंगरोल तालुका के वेरकुई गांव में मवेशियों की अज्ञात मौत।
- संदेह: 15 से अधिक मवेशी, मुख्य रूप से गाय और बछड़े, संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए।
- तत्काल प्रतिक्रिया: जिला पंचायत पशु चिकित्सा विभाग और सुमुल डेयरी के डॉक्टर जांच करते हैं।
परीक्षण एवं पुष्टि
- नमूना संग्रह: 13 संक्रमित मवेशियों के नमूने अहमदाबाद की सरकारी प्रयोगशाला में भेजे गए।
- चिंताजनक परिणाम: 25 अगस्त से अब तक हुई चार मवेशियों की मौत में लम्पी स्किन डिजीज वायरस की पुष्टि हुई है।
- पुष्टिकरण तिथि: दुर्भाग्यपूर्ण शुक्रवार को सकारात्मक परीक्षण परिणाम प्राप्त हुए।
राज्य पशुपालन विभाग की प्रतिक्रिया
- निगरानी के प्रयास: वेरकुई और 36 पड़ोसी गांवों में व्यापक सर्वेक्षण किया गया।
- चिंताजनक आंकड़े: तालुका में गांठदार त्वचा रोग के 40 पुष्ट मामलों की पहचान की गई।
- दैनिक निगरानी: मवेशियों की निरंतर निगरानी के लिए पशु चिकित्सा टीमें तैनात की गईं।
- जागरूकता अभियान: सुमुल डेयरी के पशु चिकित्सकों की टीम के साथ सहयोगात्मक प्रयास।
- पशुपालकों को शिक्षित करना: अलगाव और रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल पर स्पष्ट निर्देश।
- सामूहिक टीकाकरण अभियान: तालुका में 30,000 में से 10,000 से अधिक मवेशियों का टीकाकरण किया गया।
- मोबाइल जागरूकता वैन: विभिन्न गांवों में जागरूकता फैलाना।
- महत्वाकांक्षी लक्ष्य: 15 सितंबर तक मंगरोल तालुका में सभी मवेशियों का टीकाकरण करना।
सूरत के मांगरोल तालुका में लम्पी स्किन डिजीज का फैलना बेहद चिंता का विषय है। हालाँकि, राज्य पशुपालन विभाग द्वारा व्यापक निगरानी, जागरूकता अभियान और बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान सहित त्वरित कार्रवाई, रोकथाम और पुनर्प्राप्ति की आशा देती है।