राहुल द्रविड़ की कुछ इस तरह शुरू हुई लव स्टोरी  
राहुल द्रविड़ की कुछ इस तरह शुरू हुई लव स्टोरी  
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राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid)... ये नाम सुनते ही आंखों के सामने एक हंसमुख, थोड़ा शर्मीला, शांत स्‍वभाव वाला चेहरा घूमने लग जाता है. बिना हलचल किए मजबूती के साथ डटे रहने की कला ने ही 'द वॉल' नाम दिया. फिर चाहे दुनिया के खतरनाक गेंदबाजों के सामने भी शांति के साथ क्रीज पर डटे रहना हो या फिर निजी जिंदगी की उठा पटक हो, हर समय द्रविड़ शांत मन के साथ टिके रहते हैं. जिनके चेहरे से ही अंदर की खूबी निकल निकलकर बाहर आए, तो कोई भी लड़की उन्हें एक नजर में ही अपना दिल क्‍यों नहीं दे बैठेगी. राहुल द्रविड़ की लव स्‍टोरी भी उनकी ही तरह काफी सुलझी हुई है, मगर उनकी ये लव स्‍टोरी दुनिया के हर कपल के लिए एक प्रेरणा है. हर कपल के लिए एक सीख कि कैसे तमाम व्‍यस्‍तताओं के बीच भी दोनों एक दूसरे के लिए समय निकालते हैं. इतना बड़ा नाम होने के बावजूद भी दोनों अपनी जड़े नहीं भूले और छोटी छोटी चीजों में प्‍यार को खोजा. गैस कनेक्‍शन के लिए छोटी सी कार में जाना हो या फिर लाइन में लगना हो, हर जगह यह कपल आम लोगों की तरह आज भी अपनी जिंदगी जीता है.

ऐसे हुई थी पहली मुलाकात: 11 जनवरी 1973 को इंदौर में जन्‍में राहुल द्रविड़ अपनी स्‍टाइलिश बैटिंग के लिए जाने जाते हैं. मराठी परिवार से ताल्‍लुक रखने वाले राहुल की विजेता पेंढारकर से पहली मुलाकात दोनों परिवारों की मुलाकातमें हुई थी. 1976 में जन्‍मीं पेशे से मेडिकल सर्जन विजेता के पिता इंडियन एयरफोर्स में विंग कमांडर थे और पिता की जॉब के कारण उनका बचपन कई शहरों में बीता. इसी दौरान 1968 से 1971 के बीच विजेता के पिता की पोस्टिंग बेंगलोर में हुई, जहां राहुल द्रविड़ और विजेता के पिता दोनों अच्‍छे दोस्‍त बने और कुछ ही समय में दोनों का परिवार काफी करीब आ गया. इसके बाद राहुल के पिता शरद काम के सिलसिले में नागपुर आ गए . वहीं विजेता के पिता भी रिटायरमेंट के बाद नागपुर में शिफ्ट हो गए. विजेता ने यहीं पर 12वीं की पढ़ाई की और 2002 में पोस्‍ट ग्रेजुएशन किया और इसी दौरान राहुल और वो दोनों दोस्‍त बने और फिर ये दोस्‍ती प्‍यार में बदल गई. विजेता को राहुल द्रविड़ का सीधापन भा गया वहीं, राहुल उनसे मिलने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे. दिल की बात समझ गया परिवार दोनों का परिवार अपने बच्‍चों की दिल की बात समझ गया और शादी की तारीख तय करने में बिल्‍कुल भी समय नहीं लगाया. दोनों की शादी 2002 में तय की गई थी, मगर उस समय राहुल 2003 वर्ल्‍ड कप की तैयारियों में बिजी थे. ऐसे में दोनों परिवारों ने वर्ल्‍ड कप के बाद शादी का फैसला लिया. मगर दोनों की सगाई करवा दी. इसके बाद वर्ल्‍ड कप में अपने मंगेतर का उत्‍साह बढ़ाने के लिए विजेता साउथ अफ्रीका भी गई थीं. हालांकि उस वर्ल्‍ड कप के फाइनल में भारत को दर्दनाक हार का सामना करना पड़ा था.

बीएसएफ सेंटर में हुई थी शादी: 4 मई 2003 को बेंगलोर के बीएसएफ सेंटर में महाराष्‍ट्रीयन रीति रिवाज से दोनों ने एक दूसरे का हाथ थाम लिया. इस शादी में द्रविड़ ने अपने पुराने दोस्‍तों को आमंत्रित किया था, मगर क्रिकेटर्स में सिर्फ अनिल कुंबले (Anil Kumble) और वेंकेटेश प्रसाद ही शामिल हो पाए. 2005 में इनके परिवार में नन्‍हा मेहमान आया. राहुल द्रविड़ के बड़े बेटे का नाम समित और छोटे बेटे का नाम अनव्‍य है. अनव्‍य का जन्‍म 2009 में हुआ था.

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