प्रभु का अवतार धर्म की स्थापना के लिए
प्रभु का अवतार धर्म की स्थापना के लिए
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श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या भागवताचार्या महामनस्विनी विदुषी सुश्री आस्था भारती जी ने  समुद्र-मंथन व कृष्ण जन्म प्रसंगों में छुपे हुए आध्यात्मिक रहस्यों से अवगत  कराया। साध्वी जी ने गौ संरक्षण व संवर्धन कार्यक्रम - कामधेनु की चर्चा करते हुए कहा कि गौ भारतीय संस्कृति का आधार है।

आज देसी नस्लें लुप्त होती जा रही हैं। गौ वध समाज के लिए एक कलंक बन चुका है। इसलिए गौ संरक्षण व संवर्धन की परम आवश्यकता है। इसी कारण से श्री आशुतोष महाराज जी के दिशा-निर्देशन में  कामधेनु प्रकल्प चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत देसी गौ की वृद्धि हेतु जन-जन को प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है।

साध्वी जी ने बताया जब-जब इस धरा पर धर्म की हानि होती है, अधर्म, अत्याचार, अन्याय, अनैतिकता बढ़ती है, तब-तब धर्म की स्थापना के लिए करुणानिधान ईश्वर अवतार धारण करते हैं। प्रभु का अवतार धर्म की स्थापना के लिए, अधर्म का नाश करने के लिए, साधु-सज्जन पुरुषों का परित्राण करने के लिए और असुर, अधम, अभिमानी, दुष्ट प्रकृति के लोगों का विनाश करने के लिए होता है। साध्वी जी ने बताया कि धर्म कोई बाहरी वस्तु नहीं है। धर्म वह प्रक्रिया है जिससे परमात्मा को अपने अंतर्घट में ही जाना जाता है। 

समस्याओं को नहीं समस्या के कारण को नष्ट किजिये

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