इस गुफा में आज भी मौजूद है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर
इस गुफा में आज भी मौजूद है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर
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भगवान गणेश को सबसे पहले पूजा जाता है. जब भी कोई मांगलिक कार्य किया जाता है चाहे वह शादी हो या कोई और शुभ काम हमेशा सबसे पहले गणेश जी की पूजा ही होती है. भगवान गणेश को गजानन के नाम से भी जाना जाता है और ऐसा इसलिए क्योंकि उनका सिर हाथी का है और शरीर एक इंसान की तरह है. आपको बता दें गणेश जी का सिर कटने के बाद उन्हें हाथी का मस्तक लगाया गया था. लेकिन शायद आप यह नहीं जानते होंगे कि गणेश जी का असली मस्तक कहां है? हम आपको आज इस बारे में बता रहे हैं.

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि भगवान गणेश का असली सिर आज भी एक गुफा में मौजूद है. दरअसल भगवान गणेश के पिता भगवान शिव ने गुस्से में आकर उनका मस्तक काट कर शरीर से अलग कर दिया था और फिर उसे उन्होंने एक गुफा में रख दिया था और इसी गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है. जानकारी के मुताबिक पाताल भुवनेश्वर में मौजूद गणेश जी की मूर्ति को आदि गणेश भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि कलयुग में इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी. सूत्रों की माने तो यह गुफा उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ के गंगोलीहाट से 14 किलोमीटर दूर स्थित है.

कहा तो यह भी जाता है कि गणेश जी के इस कटे हुए सिर की रक्षा खुद भगवान शिव करते हैं और इस गुफा में भगवान गणेश के कटे शिलारूपी मूर्ति के ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल के रूप की एक चट्टान है. इस ब्रह्मकमल से हमेशा भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है. साथ ही मुख्य बूंद आदि गणेश के मुख में भी गिरती हुई नजर आती है. मान्यता है कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था.

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