आज खेलेंगे लट्ठमार होली, जानिए कैसे हुई थी इसकी शुरुआत
आज खेलेंगे लट्ठमार होली, जानिए कैसे हुई थी इसकी शुरुआत
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हिंदू धर्म में कई प्रकार के त्योहार मानाए जाते हैं। जी हाँ और इन सभी त्योहारों की परंपरा से जुड़े कई मान्यताएं हैं। वहीँ पंचांग के मुताबिक फाल्गुन मास में कई बड़े त्योहार पड़ते हैं जिसमें से एक होली भी है। आप सभी को बता दें कि फाल्गुन मास की शुरुआत 17 फरवरी से हो चुकी है। वहीं फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन और उसके अगले दिन होली मनाई जाती है।

आप सभी जानते ही होंगे होली रंगों का त्योहार है। वहीं भारत में एक जगह ऐसी भी है जहां रंगों की होली बाद में खेली जाती है, लेकिन उससे पहले महिलाएं पुरुषों के साथ लट्ठमार होली खेलती हैं। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं बरसाने की। यहाँ जमकर लट्ठमार होली खेली जाती है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बरसाने में लट्ठमार होली की परंपरा काफी पुरानी है।

जी हाँ और इसे राध-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। हर साल होली से कुछ दिन पहले लट्ठमार होली का आयोजन किया जाता है। वहीं इस साल लट्ठमार होली 11 मार्च को खेली जाने वाली है। ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने राधारानी और गोपियों के साथ लट्ठमार होली की शुरुआत की थी। कहा जाता है कि तब से आज तक ये परंपरा चली आ रही है।

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