कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने सोमवार को केरल के अपने समकक्ष पिनाराई विजयन से कासरगोड जिले के कासरगोड और मंजेश्वर तालुकों के 11 गांवों के नाम नहीं बदलने का अनुरोध किया, जो कर्नाटक से अलग है। कर्नाटक सीमा क्षेत्र विकास प्राधिकरण (केबीएडीए) के अध्यक्ष डॉ सी सोमशेखर ने सोमवार को इस मामले को येदियुरप्पा के संज्ञान में लाते हुए कहा कि केरल सरकार का इरादा कन्नड़ से मलयालम के नाम से केरल के कुछ गांवों के नाम बदलने का है।
तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला अब उनके संज्ञान में लाया गया है। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह इसे केरल के मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कासरगोड और मंजेश्वर में मलयाली और कन्नडिगा एक साथ रह रहे हैं, इसलिए स्थानों के कन्नड़ नामों को मलयालम में बदलना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वह केरल के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने का अनुरोध करेंगे।
सोमशेखर ने बताया कि गांवों के कन्नड़ नाम बदलने का निर्णय स्थानीय स्तर पर लिया गया होगा और मुख्यमंत्री विजयन को इसकी जानकारी नहीं हो सकती है। कर्नाटक के वन और कन्नड़ और संस्कृति मंत्री अरविंद लिंबावली ने राज्य के मुख्यमंत्री को राज्य के सीमावर्ती गांवों के नाम कन्नड़ से मलयालम में बदलने के केरल सरकार के कदम के बारे में लिखा। उन्होंने कहा कि केरल सरकार कर्नाटक की सीमा से लगे कासरगोड और मंजेश्वर तालुकों के गांवों के कन्नड़ नामों को मलयालम में बदलने के अपने फैसले को लागू कर रही है।
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