जानिए कौन हैं जामा मस्जिद के नए इमाम सैयद शाबान बुखारी?
जानिए कौन हैं जामा मस्जिद के नए इमाम सैयद शाबान बुखारी?
Share:

नई दिल्ली: राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली की जामा मस्जिद को नया शाही इमाम मिल गया है। शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने एक 'दस्तारबंदी' (पगड़ी पहनाने की रस्म) कार्यक्रम में अपने बेटे सैयद शाबान बुखारी को अपना जामा मस्जिद का नया इमाम घोषित कर दिया। इस के चलते जामा मस्जिद में आयोजित समारोह के चलते कई शख्सियत उपस्थित रही। इससे पहले वे नायब इमाम थे। इस वक़्त उनकी आयु 29 वर्ष है। उनके परिवार ने अपनी पिछली 13 पीढ़ियों से जामा मस्जिद की अध्यक्षता की है। जामा मस्जिद का निर्माण 1650 में किया गया था। सैयद शाबान बुखारी का जन्म 11 मार्च 1995 को दिल्ली में हुआ था। एमिटी यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क में मास्टर डिग्री की है। इसके अतिरिक्त इस्लामी धर्मशास्त्र में आलमियत एवं फजीलत की है। सैयद शाबान बुखारी ने इस्लाम की बुनियाद तालीम के साथ व्यापक अध्यन मदरसा जामिया अरबिया शम्सुल उलूम दिल्ली से की है। 

13 नवंबर 2015 को शाबान बुखारी ने गाजियाबाद की एक हिंदू युवती से शादी की। आरम्भ में उनका परिवार भी शादी को लेकर के राजी नहीं था मगर बाद में पूरा परिवार शादी के लिए राजी हो गया है तथा धूमधाम से उनकी शादी हुई। शादी के पश्चात् 15 नवंबर को महिपालपुर के एक फार्महाउस में ग्रैंड रिसेप्शन दिया गया। शाबान के फिलहाल 2 बच्चे है उनकी पत्नी शबानी है। सैयद शाबान बुखारी जामा मस्जिद के 14वे शाही इमाम बने है। जामा मस्जिद से जुड़े लोगों के अनुसार, शाबान को 2014 में नायब इमाम की जिम्मेदारी मिली थी। जिसके पश्चात् से ही वो देश में ही नही बल्कि और विदेशों में धर्म से जुड़ी ट्रेनिंग ले रहे थे। शाही इमाम के पद पर होने के लिए इस्लाम से जुड़ी तमाम प्रकार की जानकारी होना आवश्यक होता है।

वैसे तो शाही इमाम का वेतन अधिक नहीं होता। मस्जिदों के इमाम को सैलानी सरकार की ओर से नहीं बल्कि वक्फ बोर्ड की ओर से दी जाती है।।वक्फ बोर्ड अपनी संपत्तियों से प्राप्त होने वाली आए अपने कर्मचारियों एवं मस्जिद के इमाम को देते हैं। वर्तमान में शाही इमाम का वेतन 16 से 18 हजार रुपए होती है जिसको वक्फ बोर्ड की ओर से दिया जाता है। मुगल बादशाह शाहजहां ने 1650 में जमा मस्जिद का निर्माण कराया था। तब उन्होंने बुखारा के शासकों को इमाम की आवश्यकता बताई थी। तत्पश्चात, अब्दुल गुफार बुखारी को भारत भेजा गया। उनको शाही इमाम का खिताब दिया गया। शाही का मतलब होता है राजा एवं इमाम वह होते हैं जो मस्जिद में नमाज अदा करते हैं। ऐसे में शाही इमाम का मतलब होता है राजा की तरफ से नियुक्त किया गया इमाम।

प्यार में जहर घुल गया! बड़े भाई को ज्यादा प्यार मिलने का शक, छोटे भाई ने ली जान

बीजेपी का गठबंधन भूल गई? कांग्रेस नेता दीक्षित का तीखा जवाब

हल्द्वानी में नोट बांटने वाले युवक का रहस्य, जांच में जुटी पुलिस

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -