जानिए डेटाफिकेशन के बारें में...
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डेटाफिकेशन (Datafication) एक प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न प्रकार के डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदला जाता है ताकि उसे संग्रहीत, संचालित, विश्लेषित, और साझा किया जा सके। यह डेटा का एकीकरण करके उसे सार्वजनिक और निजी संगठनों में उपयोगी ज्ञान और सूचना बनाने में मदद करता है।

डेटाफिकेशन की प्रक्रिया में, विभिन्न स्रोतों से जुटे गए डेटा को संरचित किया जाता है, जैसे वेबसाइटों से संग्रहित या सेंसर्स और युक्तियाँ द्वारा उत्पन्न किए गए डेटा। फिर इस डेटा को विभिन्न तकनीकी और विश्लेषणिक उपकरणों का उपयोग करके विश्लेषित किया जाता है ताकि उसमें छिपी हुई महत्वपूर्ण जानकारी और पैटर्न खोजी जा सकें।

डेटाफिकेशन का लाभ यह है कि यह सामान्य और अनुप्रयोगिक डेटा को बहुतांश मापदंडों के रूप में बदलकर इसे उपयोगी और नया ज्ञान बनाने में मदद करता है। इससे हम बेहतर निर्णय ले सकते हैं, प्रोडक्ट और सेवाओं को बेहतर बना सकते हैं, विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों की पहचान कर सकते हैं, और उपभोक्ताओं के साथ सुझाव और अनुभवों का विकास कर सकते हैं।

डेटाफिकेशन आधुनिक समाज और व्यापार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि स्वास्थ्य सेवाएं, विपणन, वित्त, सरकारी सेवाएं, शिक्षा, और खुदरा में हो रहा है। इससे सामाजिक और आर्थिक प्रगति होती है और लोगों के जीवन को सुविधाजनक बनाने में सहायता मिलती है।

गोपनीयता की समस्या: डेटाफिकेशन के साथ, बड़ी मात्रा में डेटा उपलब्ध होता है और यह जानकारी व्यक्तिगत और संगठनिक स्तर पर समेटी जाती है। यह गोपनीयता की समस्या उत्पन्न कर सकती है, क्योंकि इससे व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा कमजोर हो सकती है और इसका गलत उपयोग हो सकता है।

अधिकार और न्याय की समस्या: डेटाफिकेशन से पैदा हुई डेटा की संपत्ति, मालिकी और उपयोग के मामले में विवाद उत्पन्न हो सकता है। यह उपयोगकर्ताओं के अधिकार और न्याय के मुद्दों को उठा सकता है, खासकर जब उनकी संग्रहीत जानकारी को व्यापारिक या सामाजिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाता है बिना उनकी सहमति के।

डेटा संचयन की समस्या: अतिरिक्त डेटा के संचयन के कारण, बड़ी मात्रा में डेटा का संचयन और संभालना करना एक चुनौती हो सकती है। यह कार्यक्रमों की बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता पैदा करता है और संचालन में अधिक लागत और मानव संसाधनों की आवश्यकता हो सकती है।

उच्च प्रवेश बाधा: डेटाफिकेशन के अधिक उपयोग से प्राप्त होने वाले बड़े और अशोधित डेटा के साथ, उपयोगकर्ताओं के लिए उच्च प्रवेश बाधा उत्पन्न हो सकती है। इससे उपयोगकर्ताओं के लिए विज्ञान, तकनीक और डेटा के विषय में पहुंचना मुश्किल हो सकता है, जिससे न्यूनतम डिजिटल असामान्यता का खतरा हो सकता है।

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