नई दिल्ली - मानसून की धीमी चाल से इस साल खरीफ की बुवाई में विलम्ब हो रहा है. मानसून की अब तक 18 फीसदी बारिश हुई है जिसका असर धान, दलहन और तिलहन की खेती पर पड़ा है बुवाई के रकबे में 24 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.कुल बुवाई रकबा 1 .25 करोड़ हेक्टर है जो गत वर्ष 1 .64 करोड़ हेक्टर था.
मौसम विभाग के अनुसार मानसून दक्षिण - पश्चिम एक सप्ताह की देरी से चल रहा है.इसके कारण 22 जून तक 18 फीसद बारिश हुई. मौसम विभाग ने इस साल औसत से अधिक बरसात होने और जोरदार मानसून का पूर्वानुमान किया है.पिछले दो सालों से सूखे के चलते खरीफ की फसल पर बुरा असर पड़ा था.
जबकि उधर कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि आने ववाले दिनों में बुवाई के रकबे में सुधार होगा.किसान अभी मानसून की अच्छी बरसात का इन्तजार कर रहे है . खरीफ की बुवाई आमतौर पर जून में मानसून के सक्रिय होने के साथ शुरू हो जाती है. खरीफ बुवाई के साप्ताहिक आंकड़ों में भी फ़िलहाल धान , दलहन और मोटे अनाज की बुवाई के रकबे में कमी दर्शाई गई है