LPG की सफलता के बाद केरोसिन तेल पर भी DBT लगाने पर सरकार कर रही विचार
LPG की सफलता के बाद केरोसिन तेल पर भी DBT लगाने पर सरकार कर रही विचार
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नई दिल्ली : सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को भी प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केरोसिन तेल के लिए भी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना को लागू करने की भी योजना है। लोकसभा में एक पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए प्रधान ने ये बातें कही।

उन्होने कहा कि अब तक पेट्रोलियम पदार्तों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन अब इसके अधीन लाने के सैद्धांतिक पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। हांला कि उन्होने इसके लिए अभी कोई निर्धारित तारीख नहीं बताई। प्रधान ने कहा कि चूंकि हमारे देश में संघीय ढांचा है, इसलिए इससे पहले हमें राज्यों से भी मंजूरी लेनी होगी।

पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि कई राज्य इसके विरोध में है, क्यों कि यह उनके लिए एक बड़ा रेवेन्यू सोर्स है। उन्होने बताया कि तमिलनाडु, मिजोरम व कतुछ केंद्र शासित राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों ने पेट्रोलियम पदार्थों पर कर बढ़ाया है। पूरे देश में एक समान कर तय करना मुश्किल है। प्रदान ने कहा कि एलपीजी में डीबीटी लागू करने की सफलता को देखते हुए ही सरकार केरोसिन पर भी इसे लागू करने पर सोच रही है।

उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले दिल्ली को केरोसिन मुक्त राज्य बनाये जाने के बाद अब हरियाणा को भी केरोसिन राज्य बनाने के लिए प्रयास तेजी से चल रहे हैं। पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के सवाल पर उन्होने कहा कि यह गलत है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोलियम पदार्तों के मूल्यों में कमी आई है। बीते दो वर्षो में 27 बार डीजव की कीमत और 21 बार पेट्रोल की कीमत में कमी की गई है।

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