Oct 25 2015 04:06 AM
महान पराक्रमी योद्धा कुंती पुत्र कर्ण जो की महाभारत काल में अर्जुन के बाद दूसरा धनुष धारी था वह कर्ण था. लेकिन कर्ण ने उसके गुरु से झूठ बोलकर विद्या अर्पित की थी. क्योकि उसके गुरु परशुराम केवल ब्राह्मणो को ही शिक्षा देते थे. लेकिन कर्ण एक सूत पुत्र था. लेकिन वह परशुराम से शिक्षा लेना चाहता था. कुंती पुत्र सूत पुत्र कैसे बना जब कुंती का यह पुत्र सूर्य की आराधना करने से हुआ तो कुंती उस समय कुवारी थी.
इसलिए बेतवा नदी में एक टोकरी में बैठा के नदी की धारा में बेहवा दिया जिसको एक सूत ने पकड़ा और कर्ण का पालन पोषण किया. जिससे कर्ण एक सूत पुत्र कहलाया. जब परशुराम से शिक्षा प्राप्त कर ली उसके बाद में परशुराम को पता चला की कर्ण एक सूत पुत्र नहीं है. परशुराम ने क्रोध में आकर उसे श्राप दिया की जब युद्ध में तेरा योगदान होगा. तब मेरी द्वारा दी गयी शिक्षा को भूल जायेगा और हुआ यु ही युद्ध के मैदान में कर्ण पराक्रमी होते हुए भी धोखे से मारा गया .
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