आप सभी को बता दें कि हिन्दी पंचांग का तीसरा माह ज्येष्ठ शुरू हो गया है और यह माह सोमवार, 17 जून तक रहने वाला है. ऐसे में इन दिनों में सूर्यदेव रोद्र रूप में रहते हैं, इस कारण इन दिनों में गर्मी काफी अधिक रहती है. कहते हैं हर साल चैत्र और वैशाख मास में गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती है और ज्येष्ठ में चरम पर आ जाती है क्योंकि वह उसका अंत होता है. वैसे इस महीने में शनिवार, 25 मई से नौतपा भी शुरू हो गया है और ज्येष्ठ मास में सूर्य अपने भीषण स्वरूप में होते हैं, इस कारण पृथ्वी से जल का वाष्पीकरण बहुत तेजी से होता है.
इस दौरान कई नदियां और तालाब सूख जाते हैं और साथ ही जल की कमी आने लगती है. वहीं इस महीने में जल बचाने का संदेश लेना चाहिए. ज्येष्ठ महीने में गंगा दशहरा (12 जून) और निर्जला एकादशी (13 जून) जल का महत्व बताने वाले पर्व हैं. वहीं गंगा दशहरा पर गंगा और अन्य सभी पवित्र नदियों की पूजा की जाती है और निर्जला एकादशी पर निर्जल रहकर यानी बिना पानी का व्रत किया जाता है. कहते हैं ये पर्व पानी की कीमत समझाते हैं और जल बचाने का संदेश देते हैं. इसी के साथ गुरुवार, 30 मई को अपरा एकादशी है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है.
वहीं सोमवार, 3 जून को अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या रहेगा. कहा जाता है इस दिन वट सावित्री व्रत रहेगा. वहीं गुरुवार, 6 जून को विनायकी चतुर्थी रहेगी और मंगलवार, 11 जून को महेश नवमी है, 12 जून को गंगा दशहरा और 13 जून को निर्जला एकादशी रहेगी. वहीं आगे 16 और 17 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है और इस तिथि से ज्येष्ठ मास समाप्त हो जाएगा.
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