गांधीनगर : गुजरात हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जज जस्टिस जीआर उधवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. याचिका कर्ता ने बताया कि मंगलवार को जज ने नॉट बीफोर मी (मेरे सामने नहीं) कहते हुए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. इससे पहले सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने एडवोकेट जनरल की गैरमौजूदगी के चलते दूसरी तारीख मांगी थी. बता दें कि यह केस 'मोदी सेल्फी केस' के नाम से मशहूर है।
क्या है मामला?
30 अप्रैल 2014 को लोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात के CM रहते हुए PM मोदी पर मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ने का आरोप लगा है. मोदी ने वोट डालने के बाद रानिप एरिया में कमल के निशान के साथ सेल्फी ली थी. वर्मा का आरोप है कि मोदी ने पोलिंग बूथ से 100 मीटर के दायरे में यह सेल्फी ली थी. इस मामले में वर्मा ने अहमदाबाद सिटी डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच के केस करने से मना करने पर अहमदाबाद रूरल मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस दर्ज कराया था. इसके बाद केस को हाईकोर्ट के सामने लाया गया था.
यह याचिका निशांत वर्मा नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराई है. इसमें PM मोदी के खिलाफ रिप्रजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट (RP Act), इंडियन पीनल कोड (IPC) और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ने का आरोप लगाया गया है तथा इसके तहत क्रीमिनल एक्शन लेने की मांग की गई है. निशांत वर्मा आम आदमी पार्टी (आप) के पॉलिटिकल वर्कर बताए जाते हैं।