बस अब बन जाओ आतंकवादी
बस अब बन जाओ आतंकवादी
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आज के समय में आतंकवाद का वैश्विक व्यावसायीकरण हो रहा है इसमें कोई दो मत नहीं है सभी आतंकवादी संगठन आपस में एकजुट होकर जानकारी साझा करने में पीछे नहीं हट रहे है.  वही सुरक्षा सेवाएं यही पता लगाने में जुटी रहती हैं कि किस आतंकवादी घटना का, किस आतंकवादी संगठन के साथ संबंध है और इंतज़ार करती है की कोई आतंकवादी संगठन खुद ही आगे आकर इन आतंकवादी घटनाओं की पूरा जिम्मेदारी ले ले. जब आतंकवादी आपस में गठजोड़ करके आतंकवाद को दृढ कर सकते है तो क्या सुरक्षा सेवा आपस में मिल-जुलकर जानकारी साझा नहीं कर सकती हैं. हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगे बढ़कर UN सिक्योरिटी कौंसिल में अपनी सदस्यता की दावेदारी कर चुके हैं.

इस के विरुद्ध आतंकवादी संगठन एक घटना को अंजाम दे कर बड़े आतंकवादी संगठन में जगह बहुत ही आसानी से पा लेते हैं और जानकारी भी फिर साझा करते रहते हैं. इन दिनों आतंकवादी बनना बहुत ही ज्यादा आसान बनाया जा रहा है. एक आतंकवादी संगठन होने के लिए 100 इनफॉर्मर होने चाहिए जो जानकारी पार्ट टाइम में पहुंचाते रहे और आप को एक आतंकवादी संगठन का हिस्सा बनने का मौका मिल सकता है.

आतंकवादी संगठन की नीतियां आतंकवाद के लिए कुछ और ही होती हैं जैस बोको हरम उर्फ़ विलायत घरब अफ्रिकिया मात्र 50 हजार स्क्वायर फीट की सीमा में ही काम करता था, बड़े आतंकवादी संगठन ISIS का साथ मिलने के बाद आतंकवाद की उनके लिए परिभाषा ही बदल गई. उनका शक्ति विस्तार हुआ, वित्तीय सहायता मिली और अधिक से अधिक जानकारी तक पहुच बढ़ गई. 

सारे ही आतंकवादी संगठन अपने शक्ति को बढ़ाने के लिए अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ गठजोड़ करने लगे हैं वहीं हमारी सभी इंटेलिजेंस एजेंसी सिर्फ एक दूसरे से जानकारी छुपाने में ज्यादा सहमत रहती है. किसी भी देश की से साफ-सुथरी नीती होनी चाहिए कि हमारे देश में आतंकवाद ना हो. 

हाल ही में नाइजीरिया चरमपंथी संगठन बोको हरम से 900 बंधनों को रिहा कराया गया जिसमें बोको हरम के सो आतंकी मारे गए.  बोकोहरम को इस्लामिक स्टेट का एक सदस्य माना जाता है अफ्रीकी देश कैमरून ने पांच अन्य देशों के साथ मिलकर एक सेना तैयार की जिसने इस आतंकवादी संगठन का लगभग नाशिक कर दिया है. 

आतंकवादी संगठन इतनी बड़ी क्षति के कारण अब अपना नाम बदलेगा और सारी सुरक्षा एजेंसी यही ट्रैक करने में जुटी रहेंगी. पर नए आतंकवादी संगठन की बड़े आतंकवादी संगठन से सदस्यता खत्म नहीं होगी. आतंकवादी संगठन मुजरिमों को प्रमोशन दे कर आतंकवादी बनाने पर भी विशेष ध्यान दे रहा है.  आतंकवादियों का ऑनलाइन कैम्पेन इतना ज्यादा संगठित है कि वह किसी भी इछुक नागरिक को आतंकवादी बनाने के लिए उन तक पहुंची भी जाते हैं. हाल ही में ISIS में भर्ती हुए 20 साल की छात्रा अलाबामा एक उधारण है.

आतंकवादी संगठन में भर्ती रोकने के लिए भी काम किया जा रहा है जैसे कुछ निजी संगठनों ने आपस में एकजुट होकर एक ऑनलाइन एंटी आतंकवादी संगठन बनाया है जो प्रौद्योगिकी और इन्टरनेट की मदद से आतंकवादी बनने से रोकती है पर यह कदम सरकारों ने नहीं उठाया है बल्कि एक निजी संगठन ने उठाया है. यूवा वर्ग की आतंकवादी संगठनो तक पहुच मुश्किल नहीं असंभव होनी चाहिए. यूवा झिज्ञासा और शौक के कारण आतंकवादी संगठनो की पहुच में आजाते है और आसान शिकार बन जाते है. 

डॉ प्रशांत त्रिवेदी
 

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