Dec 13 2015 02:39 PM
नई दिल्ली : इतिहास के पन्नो में कई ऐसी कहानी है जिसमे धर्म को दरकिनार करते हुए प्यार की इबारत को लिखा है. इन्ही कहानी में से एक है जोधा-अकबर. जोधा- अकबर की कहानी की समीक्षा की जाए तो एक संवाद हमेशा याद आता है जिसमे धर्म का मान - सम्मान करते हुए प्यार कि मंजिल को पाया जाता है. जिससे हमेशा यह सिख मिलती है कि आप अपनी जिंदगी हमेशा नए सिरे से जिये.
इन बातो का असर एक पति-पत्नी पर इतना पड़ा की उनके बीच चल रहा विवाद फ़िल्मी अंदाज़ में खत्म हो गया. लोक अदालत में सीजीएम गंगाचरण दूबे ने इस मामले को सुलझाते समय जोधा-अकबर के इसी संवाद का सहारा लिया जिससे पति-पत्नी इतने अभिभूत हुए की उनके बीच बीच धर्म के नाम पर होने वाला अलगाव खत्म हो गया.
मामला है की केके खैगशी नाम के शख्स का उनकी पत्नी शबनम के साथ धर्म के चलते अलगाव होने की नौबत आ गई थी जिसके चलते सीजीएम गंगाचरण दूबे कॉउंसलिंग की. जानकारी दे की केके खैगशी ने अपनी इच्छा से धर्म को बदल लिया था जिसके चलते 2014 में उनके घर लोगो ने पथराव भी किया था, इस बात पर दोनों पति-पत्नी अलग रहने लगे थे.
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