तिरूवनंतपुरम : देश के अंदर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की उड़ान भरने वाले जेट एयरवेज़ के विमानों में यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान किस तरह से रखा जाता है वह तो इसकी विमान सेवा कई बार बाधित होने से ही पता चल जाता है। यही नहीं कई बार तो यह विमान दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बच जाता है। दूसरी ओर कभी पायलट इसे लैंड करने में सावधानी नहीं बरतते। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया। इस घटनाक्रम के दौरान सैकड़ों यात्रियों की जान पर बन आई।
मिली जानकारी के अनुसार जेट एयरवेज के बोईंग विमान में 142 यात्री और चालक दल के 8 सदस्य सवार थे। जब यह विमान काच्चि पहुंचा और वहां से तिरूवनंतपुरम की ओर बढ़ा तो इसमें ईंधन कम रह गया। तिरूवनंतपुरम के आसमान में चक्कर लगाते ही बोईंग विमान का ईंधन रिजर्व में आ गया। ऐसे में विमान को आपात लैडिंग दी गई। मगर इसे नियमों का उल्लंघन बताया गया।
दरअसल विमान को हवाई अड्डे पर लैंड करवाते समय ही करीब 1500 किलो ईंधन की अनिवार्यता बताई जाती है, मगर इस विमान संख्या 737-800 में लैंडिग के समय 270 किलो ईंधन ही शेष था। ऐसे में यह भी कहा गया कि यदि इस विमान को 10 मिनट और चालू किया रखा जाता तो इसका पूरा ईंधन ही समाप्त हो जाता।