नई दिल्ली : इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा आयोजित होने वाले वार्षिक कॉन्क्लेव में दूसरे दिन संगीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर औऱ अभिनेत्री शबाना आजमी पहुंचे। दोनों ने प्यार, परिवार और रिश्तों पर अपने विचार रखें। जावेद अख्तर ने एक बार फिर भारत माता की जय न बोलने वाले ओवैसी के बयान को विवाद पैदा करने की कोशिश कहा।
शबाना आजमी ने कहा कि यदि भारत माता बोलने में ऐतराज है, तो भारत अम्मी बोले। आगे अख्तर ने कहा कि ओवैसी कुछ भी नहीं है, वो केवल एक गली के नेता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हैदराबाद से अलग वह पूरे भारत में जहां भी 50 फीसदी मुसलमान और 50 फीसदी हिंदू हों, वहां से ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती कबूल कर सकते हैं।
जावेद ने कहा कि देश में रोज कुछ न कुछ भेदभाव होता है। हमें उसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए, न कि उनकी तरह बन जाना चाहिए। आगे उन्होने कहा कि हम भारत की मिली जुली संस्कृति में एक साथ कई पहचान जीते है, जो केवल धार्मिक ही नहीं। शबाना ने कहा कि एक कम्यूनिस्ट परिवार से होने के कारण मैंने कभी अपने धार्मिक पहचान को तवज्जों ही नहीं दी।
उन्होने कहा मैं पहले औरत हूँ, इसके बाद भारतीय हूँ। जावेद नास्तिक है। अपने के बीच के प्यार के बारे में बताते हुए जावेद ने कहा कि कैफी आजमी की बेटी होने के कारण वो पहली नजर में उनके प्रति आकर्षित हुए थे। शबाना ने कहा कि हम दोनों का दुनिया देखने का नजरिया एक है, इसलिए दोनों पास आए।
उन्होंने कहा कि परिवार में मैं न तो सूरज हूं और न ही शबाना कोई ग्रह. रिलेशनशिप में हम दोनों सितारे हैं। हम दोनों एक-दूसरे को समय, स्पेस और सम्मान देते हैं। जावेद ने इस दौरान एक लड़की को देखा, तो ऐसा लगा....गाने को लिखे जाने के पीछे की कहानी बताई।
इंटॉलरेंस के मुद्दे पर शबाना ने कहा कि यह हमेशा रहता है औऱ इसे ही काबू करने के लिए सरकारें होती है। जावेद ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का यह मतलब नहीं है कि हम कुछ भी बोलें। शबाना ने बताया कि जावेद, फरहान और जोया तीनों केवल खाने के वक्त मिलते है। जावेद ने बताया कि शराब छोड़े वक्त हो गया और अब शाकाहारी हो गए है। बीफ बैन के मसले परउन्होने कहा कि खानदान में कभी बीफ नहीं बना, इतिहास इसका गवाह है।