नई दिल्ली : ओबीसी आरक्षण को लेकर राजस्थान में किया जा रहा जाटों का आंदोलन शुक्रवार को और अधिक उग्र हो गया.अब इसकी आग राजस्थान से आगे बढ़ते हुए उप्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में पहुंच गई है.आगरा के नगला ऊंचा के पास आंदोलनकारियों द्वारा रेल और सड़क पर कब्जा कर लिए जाने के बाद दिल्ली-मुंबई मार्ग की कई रेलों को रद्द कर दिया गया . वही करीब एक दर्जन ट्रेनों का मार्ग बदला गया. इसी दौरान आंदोलनकारियों ने आगरा से जयपुर जा रहीं नौ बसों में तोड़फोड़ कर दी.
गौरतलब है कि राजस्थान में धौलपुर व भरतपुर जिलों में जाट आरक्षण आंदोलन शुक्रवार को और उग्र हो गया. आंदोलनकारी जाट समुदाय के लोगों ने दोनों जिला मुख्यालयों के साथ ही कस्बों के बाजार भी बंद करा दिए. जबकि जरुरी सेवाओं में शामिल मेडिकल स्टोर और पेट्रोल पंप भी नहीं खुलने दिए . इस आंदोलन से रेल और सड़क यातायात लगातार दूसरे दिन भी पूरी तरह से प्रभावित हुआ. निजी वाहनों को भी नहीं चलने दिया गया. . कुछ जगह कारों को रोक कर तोड़फोड़ कर चालकों से मारपीट किये जाने की भी खबर है.हालांकि राजस्थान में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए जीआरपी और आरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं. राजस्थान के इस आंदोलन के उग्र होने से गोवर्धन और मथुरा के तीर्थयात्रियों को बहुत परेशानी हो रही है.
इस बारे में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक व कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि हमने यह आंदोलन मजबूरी में किया है. सरकार हमारी बात नहीं सुन रही थी. उन्होंने कहा कि आरक्षण मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा. जबकि राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने रिपोर्ट दे दी है. अभी इस रिपोर्ट का परीक्षण कराया जा रहा है. अगली कैबिनेट की बैठक में आरक्षण को लेकर निर्णय हो जाएगा.
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