घर में ऐसे उत्पन्न होता है वास्तुदोष, आप भी हो जाएँ सतर्क
घर में ऐसे उत्पन्न होता है वास्तुदोष, आप भी हो जाएँ सतर्क
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वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे वातावरण में दो प्रकार की ऊर्जा विद्यमान रहती है जो व्यक्ति कामों का निर्धारण करती है. यही ऊर्जा व्यक्ति के कामों को प्रभावित भी करती है. जब किसी व्यक्ति के घर का निर्माण होता है उस समय यदि उसमे कोई वास्तु दोष रह जाता है तो उस वास्तु दोष को जड़ से समाप्त नहीं किया जा सकता है. इसका प्रभाव इतना अधिक होता है की इससे व्यक्ति के जीवन में शारीरिक,मानसिक और आर्थिक कई प्रकार की समस्याएँ जन्म ले लेती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं से सम्बंधित कई प्रकार के वास्तु दोष होते है जो व्यक्ति के जीवन में गंभीर रोग दोष उत्पन्न करते है. आइये जानते है ये दोष कौन कौन से है.

यदि व्यक्ति के घर की उत्तर पूर्व दिशा गोलाकार या बंद होती है तो वास्तु शास्त्र में इसे बहुत बड़ा दोष माना जाता है.यह व्यक्ति के परिवार पर गंभीर रोग एवं किसी अनहोनी का कारण बन सकता है.
 
यदि व्यक्ति के घर का मुख्य दरवाजा किचन के दरवाजे के सामने होता है तो इससे उसे पेट से सम्बंधित रोग उत्पन्न होता है और उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी हनन होता है.यदि किचन का दरवाजा आप उस स्थान से बदल नहीं सकते तो उस दरवाजे में हमेशा पर्दा लगाकर रखें.
 
विवाहित दम्पति अपना शयनकक्ष उत्तर पश्चिम क्षेत्र से अलग रखते है तो दोनो में से किसी एक की स्वास्थ समस्या हमेशा बनी रहती है.इससे बचने के लिय एक छोटा सा आईना लगा देने से उनमे ऊर्जा का संचार होने लगता है. आपके घर में मकड़ी का जाला हो तो उसे साफ़ कर दें इससे आप पर राहू दशा का बुरा प्रभाव पड़ता है.

 

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