'इस्लाम ही असली फांसीवाद है..', मजहब छोड़ने वाले केरल के अस्कर अली ने किया सनसनीखेज दावा
'इस्लाम ही असली फांसीवाद है..', मजहब छोड़ने वाले केरल के अस्कर अली ने किया सनसनीखेज दावा
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कोच्ची: इस्लाम त्यागने का ऐलान वाले केरल के अस्कर अली पर 1 मई 2022 को कोल्लम में मुस्लिम भीड़ ने हमला कर दिया था। तब उनके अपहरण की भी कोशिश की गई थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान यौन शोषण होने का खुलासा किया था। अब अस्कर अली ने कई और हैरतअंगेज़ खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया है कि मुस्लिम रहने के दौरान उन्हें सेना तक में जाने से मना कर दिया जाता था। मीडिया से बात करते हुए अस्कर अली ने कहा कि, 'हमें दूसरे समुदायों से नफरत करना सिखाया जाता था। हमको फ़ौज में भी जाने से मना कर दिया जाता था। कहा जाता था कि सेना में अपने ही बिरादरी (मुस्लिमों को) के लोगों को मारना पड़ेगा जो हमारे सिद्धांतों के विरुद्ध है। जो भारत की सरहद में घुसपैठ करना चाहते हैं क्या वो मुस्लिम नहीं है ? सेना में हमें उन घुसपैठियों को मारने का दबाव डाला जाएगा। हमारा मज़हब किसी दूसरे मुस्लिम को मारना नहीं सिखाता है।'

अस्कर अली ने बताया कि, 'मुझे मिल रही ये शिक्षा असल में बेहद खतरनाक है। ये बातें उन्होंने केवल हमें नहीं बताईं, बल्कि यही सोच वो हमारे पूरे समाज में फैला रहे हैं। किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने का मतलब ये नहीं होगा कि उस सोच को समाप्त कर दिया गया है। इस्लाम ठीक वैसे ही रहेगा। इस्लाम ही असली फासीवाद है।' बता दें कि अस्कर अली मल्ल्पुरम के निवासी हैं। उन्होंने वहीं के एक संस्थान से 12 वर्षों का हुदावी कोर्स किया है। उनका कहना है कि, 'मैंने इस्लाम त्यागने से पहले इसका विस्तार से अध्ययन किया। हुदावी कोर्स के दौरान मैंने जो जो पढ़ा उसने मुझे ऐसा करने (इस्लाम छोड़ने) पर विवश किया। जो लोग इस्लाम छोड़ते हैं उन्हें उनके परिवार के सदस्य नीच प्राणी के रूप में देखा जाता है। इस्लाम छोड़ने का ऐलान करने के बाद से ही मुझे अपने रिश्तेदारों और अन्य कट्टरपंथी तत्वों द्वारा जान से मारने जैसी धमकियां दी जा रही हैं।'

बता दें कि रविवार (1 मई, 2022) को अस्कर अली ‘वैज्ञानिक सोच, मानवतावाद और समाज में सुधार की भावना’ को बढ़ावा देने वाले संगठन ‘एसेंस ग्लोबल’ द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहाँ उन्हें इस्लामी अध्ययन के स्टूडेंट के रूप में अपने अनुभव को शेयर करना था। अस्कर अली की शिकायत के अनुसार, 'मलप्पुरम में लोगों के एक समूह ने मेरा अपहरण करने का प्रयास किया। मुझे कोल्लम समुद्र तट पर ले जा कर मेरे साथ मारपीट भी की गई। उन्होंने मेरा मोबाइल फोन तोड़ डाला और मेरे कपड़े फाड़ दिए। मुझे जबरन एक वाहन में ले जाने की कोशिश की जा रही थी। लेकिन स्थानीय लोगों के शोर मचाने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मुझे बचाया।'

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