इशरत जहां एनकाउंटर : पूर्व अफसर ने खोले राज, बोले एफिडेविट बदलने के लिए किया टॉर्चर
इशरत जहां एनकाउंटर : पूर्व अफसर ने खोले राज, बोले एफिडेविट बदलने के लिए किया टॉर्चर
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नई दिल्ली : इशरत जहां एनकाउंटर केस में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. केस के समय इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के स्पेशल डायरेक्टर (वेस्ट जोन) रहे सुधीर कुमार ने इंटरव्यू में कहा कि इशरत जहां के लश्कर ए तैयबा से लिंक का IB इनपुट सही था. इस इनपुट को तब गुजरात सरकार को भेजा गया था. इसके पहले 2 पूर्व गृह सचिव ने भी इस केस पर राजनीतिक दबाव और तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम के सीधे दखल की बात कही.

उन्होंने बताया कि उन पर इशरत और उसके साथियों को आतंकी न बताने का दबाव डाला गया था. इतना ही नहीं उनसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए एफिडेविट को बदलने के लिए कहा गया. और इशरत मामले में सबूतों को गढ़ने को कहा गया.

होम मिनिस्ट्री के एक पूर्व अफसर आरवीएस मणि ने आरोप लगाया कि SIT चीफ सतीश वर्मा ने मुझे बहुत टॉर्चर किया. वर्मा ने मुझे सिगरेट से दागा. CBI अफसर मेरा पीछा करते रहते थे. उन्होंने बताया कि जब वो दिल्ली में एक साउथ इंडियन मंदिर जाते थे. तो CBI में एक महिला अफसर पोस्टेड हुईं थीं. वो महिला अफसर मंदिर तक उनका पीछा करती थीं. मणि ने कहा कि उन्हें इतना परेशान किया गया कि उनकी फैमिली भी दहशत में आ गई. उन्होंने कहा- मेरी मां बीमार थीं। मुझे परेशान देखकर उनकी सेहत और खराब हो गई। इसी वजह से जनवरी 2014 में उनकी मौत हो गई.

NIA ने साल 2010 में मुंबई हमलों के आरोपी डेविड हेडली से अमेरिका में पूछताछ की थी. इशरत जहां के बारे में उसने साफ कहा था कि वह लश्कर की आतंकी थी. गुजरात SIT ने जब NIA से हेडली के बयान के बारे में जानकारी मांगी तो NIA ने इसे देने से मन कर दिया था.

चिदंबरम पर लगाए गंभीर आरोप 

इसके पहले UPA सरकार में होम सेक्रेटरी रहे जीके पिल्लई ने कहा था कि इशरत जहां एनकाउंटर से जुड़े एफिडेविट में तत्कालीन होम मिनिस्टर चिदंबरम ने उन्हें दरकिनार करते हुए खुद बदलाव करवाया था. इस पर सफाई देते हुए चिदंबरम ने भी यह माना है कि एफिडेविट में बदलाब किया बदला गया था, लेकिन ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि पहला एफिडेविट भ्रम फैलाने वाला था. उन्होंने कहा कि ऐसा किसी को बचाने के लिए नहीं किया गया था बल्कि इस मामले में केंद्र सरकार का पक्ष ठीक से रखने के लिए किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई करने के लिए पिटीशन (जनहित याचिका) फाइल की गई है. इसमें चिदंबरम के खिलाफ इशरत जहां मामले में सुप्रीम कोर्ट (SC) और गुजरात हाईकोर्ट में झूठी गवाही देने और गुमराह करने का आरोप लगाया गया है. पिटीशन में मांग की गई है कोर्ट इस मामले में सुओमोटो ले. इतना ही नहीं इस मामले में चिदंबरम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग भी की गई है.

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