नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा जाने के मुद्दे पर अमेरिका के उपरांत जर्मनी भी प्रतिक्रिया भी दे रहा है। अब इसे लेकर भारत में बीजेपी और कांग्रेस के बीच विवाद शुरू हो चुका है। एक ओर जहां कांग्रेस नेता जर्मनी का 'धन्यवाद' भी दे रहे है। वहीं, बीजेपी ने साफ कर दिया है कि विदेशी 'दखल बर्दाश्त नहीं किया जाने वाला।'
पहले समझें जर्मनी ने क्या कहा था: बुधवार को जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने इस बारें में बोला था कि हमारी जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी निर्णय पर अपील कर सकते हैं। जिसके उपरांत यह साफ होने वाला है कि निर्णय टिक सकता है और क्या इस निलंबन का कोई आधार है या नहीं।' उन्होंने यह भी कहा कि इस केस में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उपयोग किया जाना जरुरी है।
कांग्रेस ने किया धन्यवाद: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया पर जर्मनी का धन्यवाद अदा किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'राहुल गांधी के उत्पीड़न के माध्यम से इंडिया में कैसे लोकतंत्र के साथ समझौता भी किया जाने वाला है, इसका संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर का शुक्रिया।'
Thank you Rahul Gandhi for inviting foreign powers for interference into India’s internal matters. Remember, Indian Judiciary can't be influenced by foreign interference. India won't tolerate 'foreign influence' anymore because our Prime Minister is:- Shri @narendramodi Ji ???????? pic.twitter.com/xHzGRzOYTz
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 30, 2023
भाजपा बोली भारत बर्दाश्त नहीं करेगा: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू कांग्रेस नेता के ट्वीट पर पलटवार भी कर दिया है। उन्होंने लिखा, 'इंडिया के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए विदेशी ताकतों को बुलाने के लिए राहुल गांधी का धन्यवाद। याद रहे कि भारतीय न्यायपालिका पर विदेशी दखल भी कर सकता है। भारत विदेशी प्रभाव को अब और बर्दाश्त नहीं करेगा, क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।'
राहुल और विदेशी दखल का मुद्दा: बता दें कि कुछ समय पहले ही राहुल गांधी का ब्रिटेन दौरा विवादों में आ गया था। बीजेपी ने उस बीच उनपर अन्य देशों को भारत में दखल के लिए आमंत्रित करने के इल्जाम भी लगा दिए है। लंदन में एक संबोधन के दौरान कांग्रेस नेता ने इल्जाम लगाए थे कि कैसे इंडिया में संस्थान खतरे में हैं और उनपर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कब्जा हुआ। उन्होंने बोला था कि 'भारत में लोकतांत्रिक चुनाव का तरीका पूरी तरह बदल गया है और उसकी वजह एक संगठन RSS है...।' उन्होंने यह भी बोला था कि यूरोप और अमेरिका भारत में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए पर्याप्त प्राप्त नहीं कर रहे हैं।
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