Nov 11 2016 08:56 AM
संत कबीर भक्तिवादी कवियों के शिरोमणि कवी थे ,उनका ज्ञान,तप त्यागमय जीवन ,जीवन दर्शन श्रेष्ठ था|उनकी वाणी में जीवन के गुड़ सत्य को जिस तरह से सरलता पूर्वक जनमानस के बीच रखा गया वो अपने आप में एक आश्चर्य है | इतने उच्च कोटि का चिंतन और अनुकरण एक विलक्षण व्यक्ति ही कर सकता है | कबीर के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं।
कुछ लोगों के अनुसार कबीर रामानन्द स्वामी के आशीर्वाद से काशी की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से पैदा हुए थे, जिसको भूल से रामानंद जी ने पुत्रवती होने का आशीर्वाद दे दिया था। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी।
कबीर के माता- पिता के विषय में एक राय निश्चित नहीं है कि कबीर "नीमा' और "नीरु' की वास्तविक संतान थे या नीमा और नीरु ने केवल इनका पालन- पोषण ही किया था इस पर अलग अलग मत है। कहा जाता है कि नीरु जुलाहे को यह बच्चा लहरतारा ताल पर पड़ा पाया, जिसे वह अपने घर ले आया और उसका पालन-पोषण किया। बाद में यही बालक कबीर कहलाया।
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