'भारत की आलोचना में नहीं, उसकी तारीफ में अपनी ऊर्जा लगाओ..', बराक हुसैन ओबामा को अमेरिका से ही मिल गई नसीहत
'भारत की आलोचना में नहीं, उसकी तारीफ में अपनी ऊर्जा लगाओ..', बराक हुसैन ओबामा को अमेरिका से ही मिल गई नसीहत
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वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत को लेकर दिए गए बयान पर उनके देश से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय अमेरिकी धार्मिक आयोग के पूर्व अधिकारी ने कहा है कि ओबामा को भारत की आलोचना से अधिक प्रशंसा करने पर ध्यान देना चाहिए। बता दें कि, बीते दिनों एक इंटरव्यू में ओबामा ने भारत को जातीय अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा की सलाह दी थी।

धार्मिक आयोग के पूर्व कमिश्नर जॉनी मूर ने कहा है कि, 'मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को अपनी ऊर्जा आलोचना करने की जगह भारत की तारीफ में खर्च करनी चाहिए। मानव इतिहास में भारत सर्वाधिक विविध देश है। वह एक आदर्श देश नहीं है। जैसे अमेरिका आदर्श देश नहीं है, मगर इसकी विविधता इसकी शक्ति है। उस आलोचना में भी ओबामा खुद को पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने से रोक नहीं सके। मैं समझता हूं कि इसका कारण यह है कि, उन्होंने उनके (ओबामा ने मोदी के) साथ समय बिताया है।'

इसके साथ ही जॉनी मूर ने पीएम मोदी के हालिया अमेरिका दौरे को लेकर कहा कि, 'यह केवल भारत के लिए इतिहास का एक हिस्सा नहीं था, यह अमेरिका के लिए भी इतिहास का एक अंग है। भारत अविश्वसनीय रूप से एक बहुलवादी देश है। यह एक ऐसा देश है, जो प्रत्येक चुनाव में अपने लोकतंत्र के लिए लड़ता है और भारत में लोकतंत्र जिन्दा है और यह निश्चित रूप से अमेरिकी कांग्रेस की धारणा थी। प्रधानमंत्री मोदी यहां आए और डेमोक्रेट और रिपब्लिकन को एक साथ लाए, यही लोकतंत्र का जादू है।'

बता दें कि, गुरुवार (22 जून) को दिए एक इंटरव्यू के दौरान ओबामा ने कहा था कि यदि भारत 'मुस्लिम अल्पसंख्यकों' के अधिकारों की रक्षा नहीं करता, तो इस बात की बहुत आशंका है कि एक वक़्त आएगा जब देश बिखरने लगेगा। ओबामा ने कहा था कि, मैं अगर आज राष्ट्रपति होता, तो पीएम मोदी से पूछता कि,  अगर आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग होना आरम्भ कर देगा। ओबामा ने कहा था कि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान पर भारत में भी जमकर बहस हुई थी। 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बयान का जवाब किया था। उन्होंने कहा था कि ओबामा के शासनकाल में अमेरिका ने 6 मुस्लिम देशों पर बमबारी की थी, जिसमे लाखों निर्दोष मुसलमान मारे गए थे। साथ ही उन्होंने कहा कि 6 मुस्लिम देशों सहित 13 देशों ने पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। इसे लेकर उन्होंने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया था। वित्त मंत्री ने कहा था कि विपक्ष के साथ मिलकर अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर भारत पर इल्जाम लगाने का अभियान जारी है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि, जब पीएम मोदी, सभी के सामने भारत के बारे में बात कर रहे थे, तब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय मुस्लिमों को लेकर बयान दे रहे थे।' उन्होंने पुछा, 'क्या ओबामा के कार्यकाल में छह मुस्लिम देशों, सीरिया, यमन, सऊदी, इराक और अन्य मुस्लिम देशों में बमबारी नहीं हुई?'

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