भारत - पाकिस्तान पर नमो मंत्र का पड़ता असर
भारत - पाकिस्तान पर नमो मंत्र का पड़ता असर
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक विदेश यात्राओं के लिए विपक्ष द्वारा निशाने पर रखा जाता रहा है मगर इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगता है नहले पर दहला फैंक दिया है। जी हां, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा समाप्त कर अफगानिस्तान पहुंचे। जहां उन्होंने भारतीयता का परचम लहराया। ऐसा समय जब अफगान तालिबान और अन्य आतंकियों के हमलों से प्रभावित है उन्होंने नए रिश्तों की बात कही। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान में वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाऐं देने पहुंच गए।

इसे भारत और पाकिस्तान के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। पाकिस्तान को सदैव आतंक के आश्रयदाता के तौर पर देखा जाता है। प्रधानमंत्री का यहां का दौरा करना बहुत ही अहम माना जा रहा है। सुरक्षा लिहाज से भी यह दौरा बहुत ही अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से ही आतंकवादियों के लिए निशाना हैं और पाकिस्तान की धरती पर कदम रखने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा भी अहम हो जाती है। 

दूसरी ओर इसके इतर भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्तों को इस भेंट से नए आयाम मिलने की संभावना जताई जा रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बधाई देने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 2 घंटे पाकिस्तान में बिताऐंगे। इस दौरान दोनों ही नेताओं के बीच दक्षिण एशिया में इन दोनों देशों की आपसी भागीदारी पर चर्चा होगी।

माना जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान नए सिरे से अपने विभिन्न मसलों पर चर्चा की शुरूआत इस भेंट से कर सकते हैं। हालांकि यह तो भविष्य पर ही निर्भर होगा कि इस भेंट के क्या परिणाम निकलते हैं। दरअसल पाकिस्तान से भारत ने जब - जब चर्चा की कोशिशें की गईं। पाकिस्तान की सेना और आतंकवादियों के प्रयासों से इन कोशिशों को विफल करने की साजिशें चलती रहीं। जिसके कारण इस वार्ता की सफलता में कुछ संदेह बना हुआ है।

लेकिन इस मसले पर यह बात भी सामने आती है कि पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद से त्रस्त है। पाकिस्तान स्वयं ही तालिबान आतंकियों से परेशान है। ऐसे में संभावना है कि अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान इस मसले पर भारत के साथ आने का कुछ प्रयास करे। यदि इस तरह का प्रयास होता है तो यह पाकिस्तान के ही साथ भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा। नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ की इस भेंट से भारत आतंकी कार्रवाईयों के दोषियों को सौंपे जाने की चर्चा कर सकता है वहीं कश्मीर के मसले पर दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण चर्चा की नई ईबारत लिखी जा सकती है। 

'लव गडकरी'

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