इनडायरेक्ट टैक्स वसूली में 37.5 फीसदी बढ़त
इनडायरेक्ट टैक्स वसूली में 37.5 फीसदी बढ़त
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नई दिल्ली: उत्पाद शुल्क वसूली में अच्छी वृद्धि की बदौलत चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अप्रत्यक्ष कर (इनडायरेक्ट टैक्स) वसूली 37.5 फीसदी बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये हो गई. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून की अवधि के दौरान अप्रत्यक्ष कर वसूली पिछले साल के 1.12 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1,53,980 करोड़ रुपये हो गई. वित्त मंत्रालय के शनिवार को जारी वक्तव्य में यह जानकारी दी गई. आलोच्य अवधि के दौरान केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूली 81 प्रतिशत बढ़कर 61,661 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. पिछले साल पहली तिमाही में यह 34,067 करोड़ रुपये रही थी.

बयान के मुताबिक, अप्रत्यक्ष कर वसूली के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि विनिर्माण सहित अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में स्थिति में सुधार आ रहा है. उत्पाद शुल्क वसूली के बेहतर आंकड़े विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ने का संकेत देते हैं. वक्तव्य के अनुसार अप्रत्यक्ष कर वसूली के आंकड़ों में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए अतिरिक्त उपायों का असर भी दिखाई देता है. केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा उपकर बढ़ाने, मोटर वाहनों तथा टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के मामले में रियायतों को वापस लेने और साथ ही सेवाकर की दर बढ़ाकर 14 फीसदी करने से यह वृद्धि हासिल हुई है.

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि नए उपायों को यदि अलग रखा जाए तो अप्रत्यक्ष कर में पहली तिमाही के दौरान 14.5 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई. अप्रत्यक्ष करों में उत्पाद एवं सीमा शुल्क तथा सेवा कर शामिल होता है. अप्रैल से जून 2015 तिमाही अवधि में सीमा शुल्क वसूली 20.2 प्रतिशत बढ़कर 47,080 करोड़ रुपये हो गई. पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 39,175 करोड़ रुपये रही थी.

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