नई दिल्ली: देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले तो आए दिन देखने को मिलते ही रहते हैं, किन्तु अब भारतीय ट्रेनों में दुष्कर्म के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी देखने को मिली है. देश की बहू, बेटियां अब ट्रेनों में भी सुरक्षित यात्रा नहीं कर सकतीं. माता-पिता उन्हें अकेले ट्रेनों में यात्रा करने के लिए भेजने से पहले कई दफा सोचेंगे. भारतीय रेलवे की ट्रेनों में 2013 से 2018 तक दुष्कर्म के कुल 189 मामले प्रकाश में आए हैं.
ट्रेनों में रेप के मामले कम होने की जगह साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ये जानकारी दी है. पियूष गोयल ने बताया कि दुष्कर्म के साथ ही लूट के मामले भी बढ़ रहे हैं. 2013 से 2018 के बीच ट्रेनों में लूट की 4697 वारदातें हुईं. उन्होंने बताया कि 2013 से 2018 के बीच सबसे अधिक 42 दुष्कर्म के मामले उत्तर रेलवे जोन की ट्रेनों में सामने आए. इसके बाद 36 दुष्कर्म के मामलों के साथ मध्य रेलवे दूसरे और 33 मामलों के साथ पश्चिम मध्य रेलवे तीसरे स्थान पर है.
सबसे कम दुष्कर्म के मामले दक्षिण रेलवे और दक्षिण पश्चिम रेलवे जोन से दर्ज किए गए हैं. 2013 से 2018 के बीच दोनों जोन में केवल 1-1 दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है. 2013 से 2018 के बीच ट्रेनों में लूट की 4697 वारदातें हुईं हैं. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया है कि लूट के मामले भी बढ़े हैं. इन्हें रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बलों को और चौकस रहने के लिए कहा गया है.
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