शिखा पांडे बोली- भारतीय टीम को प्रचार और निवेश की जरूरत
शिखा पांडे बोली- भारतीय टीम को प्रचार और निवेश की जरूरत
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भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य शिखा पांडे ने रविवार को कहा है कि महिला क्रिकेट की बेहतरी नियम, गेंद का आकार, पिच का आकार बदलने से नहीं होगी बल्कि इसके लिए प्रचार-प्रसार के अलावा जमीनी स्तर पर विकास की जरूरत है. 30 साल की शिखा ने कहा कि उन्होंने हाल ही महिला क्रिकेट के प्रचार-प्रसार के लिए किए जाने वाले बदलावों के बारे में सुना. जिसमें गेंद, पिच का आकार बदलने और बाउंड्रियों को छोटा करने के बारे में बातें हो रही हैं. शिखा ने ट्विटर पर कई सारे ट्वीट्स करते हुए लिखा, "मैं उन सब बदलावों के बारे में सुन-पढ़ रही हूं जो महिला क्रिकेट की बेहतरी के लिए चर्चा में हैं और जिनकी सिफारिश की जा रही है ताकि महिला क्रिकेट को ज्यादा आकर्षित बनाया जाए. मुझे निजी तौर पर लगता है कि यह सभी सुझाव निर्राथक हैं." उन्होंने कहा, "ओलम्पिक में महिला धावक स्वर्ण पदक जीतने के लिए 100 मीटर की रेस में 80 मीटर नहीं दौड़ती हैं और न ही अपने पुरुष प्रतिद्वंदी की तरह समान समय निकालती हैं. इसिलए पिच की लंबाई कम करना, चाहे जो भी कारण हो, यह संदेहात्मक है."

उन्होंने लिखा, "गेंद का आकार कम करना ठीक है, लेकिन जैसा इयान स्मिथ ने कहा, यह तभी काम करेगा जब वजन समान रहेगा. इससे गेंदबाजों को गेंद को पकड़ने में मदद मिलेगी. स्पिनरों को मदद मिलेगी और शॉट्स भी दूर तक जाएंगे." तेज गेंदबाज ने लिखा, "बाउंड्रीज को कम नहीं कीजिए. हमने हाल ही में अपनी पावर हिटिंग से आप सभी को हैरान किया है. इसलिए याद रखिए यह सिर्फ शुरुआत है, हम बेहतर हो जाएंगे. धैर्य रखिए. हम योग्य खिलाड़ी हैं और सुधार कर रहे हैं." उन्होंने लिखा, "खेल का प्रचार-प्रसार करके भी आगे बढ़ा जा सकता है. हमें नियमों से छेड़छाड़ करने की जरूरत नहीं है

शिखा ने लिखा, "हम जहां भी मैच खेलें वहां, डीआरएस, स्नीको, हॉटस्पॉट, सभी तकनीकी चीजें और मैचों का सीधा प्रसारण क्यों नहीं हो सकता. जमीनी स्तर पर भारी निवेश, खेलने के समान मौके, कोई भेदभाव नहीं आदि इन चीजों की जरूरत है." शिखा ने कहा कि महिला क्रिकेट को पुरुष क्रिकेट से अलग हटकर देखने की जरूरत है. उन्होंने इसके लिए इसी साल मेलबर्न में हुए महिला टी-20 विश्व कप के फाइनल में आई दर्शकों की भीड़ का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "कृपया महिला क्रिकेट, महिला खेल की पुरुषों के खेल से तुलना न करें. हमें इसे एक अलग खेल के तौर पर देखना होगा. एक ऐसा खेल जिसके लिए आठ मार्च को 86,174 दर्शक आए थे और लाखों लोगों ने घर पर टीवी पर देखा था." उन्होंने कहा, "उन लोगों ने हममें कुछ विशेष देखा था और अच्छा करने की उम्मीद की थी."

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