Aug 23 2015 12:13 PM
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस्पात की बड़े पैमाने पर डंपिंग और अनिश्चित वैश्विक बाजार को शनिवार को अस्थायी चुनौती करार दिया और द्वितीयक इस्पात निर्माताओं से आग्रह किया कि बुनियादी कारणों पर नजर रखें और अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाएं। इस्पात मंत्रालय की ओर से यहां 'रोडमैप टू 300 मिलियन टन्स : अपॉर्चुनिटी एंड चैलेंजेज फॉर सेकंडरी स्टील प्रोड्यूसर्स' विषय पर आयोजित सम्मेलन में जेटली ने डंपिंग और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के कारण भारतीय इस्पात निर्माताओं के सामने खड़ी चुनौतियां गिनाई और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाकर इस तरह की अस्थायी चुनौतियों से उबरने का उनसे आग्रह किया।
उन्होंने कहा, "जब अर्थव्यवस्था मजबूत और ठोस बुनियाद पर खड़ी है, तो इस तरह की अस्थायी चुनौतियों का सामना करना बहुत चुनौतीपूर्ण नहीं होता।" उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है और जल्द ही यह दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बनने वाला है।(आईएएनएस)
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