भारतीय इस्पात कम्पनियों की आय बढ़ने की उम्मीद
भारतीय इस्पात कम्पनियों की आय बढ़ने की उम्मीद
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हांगकांग - लगता है भारतीय इस्पात कम्पनियों के अच्छे दिन आने वाले हैं. बढ़ती घरेलू मांग, न्यूनतम आयात मूल्य और एंटी डंपिंग ड्यूटी जैसे कारणों से आगामी एक वर्ष में भारतीय इस्पात कम्पनियों के लाभ अर्जित करने की क्षमता बढऩे से इनकी आय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है.

साख निर्धारक एजेंसी मूडीज इंवेस्टर सर्विस के अनुसार चीन की मांग में लगातार जारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर कारोबार की राह में बढ़ती अड़चनों के कारण एशियाई इस्पात बनाने वाली कम्पनियों का मुनाफा घट जाने से इनके राजस्व में भी कमी आएगी, वहीं मांग बढऩे के साथ ही सरकार द्वारा न्यूनतम आयात मूल्य और एंटी डंपिंग ड्यूटी लागू करने जैसे प्रयासों की बदौलत भारतीय इस्पात कम्पनियों के आय में बढ़ोतरी होने का अनुमान है.

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मूडीज के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विश्लेषक जिमिंग जोउ ने कहा भारत और दक्षिण-पूर्वी एशिया में मांग में बढ़ोतरी होगी, लेकिन एशियाई इस्पात का 70 प्रतिशत उपभोग करने वाले देश चीन की मांग में जारी गिरावट के कारण अगले 12 महीनों में चीन के इस्पात उत्पादन में 3 से 4 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है.इससे एशियाई इस्पात निर्माताओं के राजस्व अर्जन में कमी आएगी

.मूडीज की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन में नुकसान उठा रही छोटी और अकुशल इस्पात कम्पनियां अपना उत्पादन स्थगित कर चुकी हैं.मांग के लगातार घटने और भंडार में हो रही बढोतरी से डेढ़ -दो साल तक आपूर्ति प्रभावित होने का असर सीमित रहेगा.निर्यात पर लागू प्रतिबंधों के कारण जापान और कोरियाई इस्पात कम्पनियों के राजस्व में भी कमी आएगी.

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