Jul 18 2015 10:55 AM
देश में बढ़ते मध्य वर्ग के चलते भारतीय बाज़ार विदेशी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है. आर्थिक खुफिया इकाई (EIU) के एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है.कि इसके कारण देश उपभोक्ता परिव्यय वर्ष 2018-19 तक दोगुने से भी अधिक होकर 2,400 अरब डॉलर होने की संभावना है. EIU के अनुसार बड़ता मध्यम वर्ग विनिर्माताओं और फुटकर विक्रेताओं के लिए बेहतर संभावनायें लाया है. इससे भी अधिक बढ़ती आय का मतलब है कि भारत की 1.2 अरब की विशाल आबादी तेजी से बढ़ता महत्वपूर्ण बाजार बनता जा रहा है और यह रुख आगे भी बने रहने की संभावना है.
EIU की रिपोर्ट के अनुसार निजी खपत का खर्च वर्ष 2013-14 में जहां 1,000 अरब डॉलर था जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 2,400 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, बहुलांश आबादी अब भी उपभोक्तावाद के ताजा रुख की ओर बढ़ने के बजाय अपनी दैनिक बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में ही उलझा रहेगा. अध्ययन में कहा गया है कि भारत में अभी भी व्यापक तौर पर कृषि पर निर्भर जनता अधिक है और इसमें अब भी दुनिया की निर्धनतम आबादी का करीब 40 प्रतिशत रहते हैं.
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