भारतीय सेना से हटेंगी गुलामी की निशानियां, बंद होंगी अंग्रेजी परंपराएं, प्रतीक चिह्न हटेंगे
भारतीय सेना से हटेंगी गुलामी की निशानियां, बंद होंगी अंग्रेजी परंपराएं, प्रतीक चिह्न हटेंगे
Share:

नई दिल्ली: भारत सरकार ने गुलामी के तमाम प्रतीकों और निशानों को हटाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत पराधीनता के प्रतीकों, परम्पराओं और प्रक्रियाओं को देश की तीनों सेनाओं से हटाया जाएगा। आजादी के अमृत महोत्सव महोत्सव के तहत यह पहल की जा रही है। इनकी पहचान की प्रक्रिया सेना ने शुरू कर दी है, जो अंग्रेजी सेना से विरासत के रूप में अब तक चली आ रही हैं। इन्हें या तो खत्म कर दिया जाएगा या फिर इन्हे भारतीय स्वरूप में तब्दील कर दिया जाएगा।

पीएम मोदी ने इसी साल लालकिले की प्राचीर से 5 प्रणों का जिक्र किया था, जिसमें गुलामी की मानसिकता से मुक्ति भी शामिल है। इसी क्रम में पिछले दिनों पीएम मोदी ने स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत को लॉन्च किया, तो सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा छत्रपति शिवाजी का प्रतीक लगाया। इसके बाद सेना में ऐसे प्रतीकों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। थल, वायु और नौ सेना से संबंधित सूत्रों ने कहा कि तीनों सेनाओं में जारी कुछ प्रक्रियाएं और परम्पराएं अंग्रेजी सेना के समय से चली आ रही हैं। इन्हें जारी रखने या नहीं हटाने के पीछे कोई वजह नहीं है। जिस तरह आजादी के अमृत महोत्सव में गुलामी की मानसिकता और प्रतीकों से मुक्ति के लिए कोशिशें की जा रहीं हैं, सेनाओं में भी इस पर कार्य शुरू किया गया है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेना के सशक्तीकरण के लिए हरसंभव कोशिशें की जानी चाहिए। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) राजेंद्र सिंह कहते हैं कि आजादी के बाद सेनाओं का बहुत भारतीयकरण हुआ है। आवश्यक हो तो आगे भी बदलाव किए जा सकते हैं, मगर मुख्य फोकस सेनाओं को सशक्त बनाने पर होना चाहिए। सेना का कहना है कि यह सही है कि सेना का तंत्र अंग्रेजी सेना से ही बना है, मगर अतीत में बहुत बदलाव हुए हैं। आगे भी जो जरूरी होगा, किया जाएगा।

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा है कि  नौसेना उन गैर-जरुरी या पुरातन प्रथाओं, प्रक्रियाओं और प्रतीकों की पहचान कर रही है, जिन्हें या तो बंद किया जा सकता है या आधुनिक वास्तविकताओं के अनुरूप उनमे बदलाव किया जा सकता है। बता दें कि, सेना में अफसरों के पदों के नामों से लेकर, चयन प्रक्रिया, कमीशन प्रदान करने की रीति, सेनाओं के मेस में नियम, बड्डी परंपरा और कई अन्य प्रक्रियाएं ब्रिटिश अंशासन की देन हैं। सेना के सूत्रों का कहना है कि इनकी समीक्षा का काम आरंभ हो गया है। जैसे-जैसे यह पूरा होगा, इनका भारतीयकरण करने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।

7 साल पहले हुई जिस महिला की मौत, वो आखिर कैसे लौट आई वापस ?

ठंड से बचने के लिए चूल्हा जलता छोड़कर सो गए बुजुर्ग दंपत्ति, सुबह तक हो गई मौत

ससुराल में फंदे से लटका मिला महिला का शव, परिजनों ने लगाया दहेज़ हत्या का आरोप

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -