नई दिल्ली. कृषि जगत से प्राप्त हो रहे समाचार के मुताबिक विज्ञान और पर्यावरण केंद्र 'सीएसई' ने अपनी एक रिपोर्ट में दर्शाया है कि भारत में किसानो को इस वर्ष फरवरी-अप्रैल के दौरान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते 20,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 100 लाख टन रबी फसलों के भारी भरकम नुकसान से दो चार होना पड़ा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विज्ञान और पर्यावरण केंद्र 'सीएसई' ने अपनी इन रिपोर्ट 'लिव्ड एनोमली' में उल्लेख किया है कि किसानों को इस साल फरवरी-अप्रैल के दौरान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते दूसरे अन्य मुल्को से भारत को चालू वर्ष में 10 लाख टन गेहूं का आयात कि प्रकिया से गुजरना पड़ सकता है.
आँकड़े बताते है कि भारत में पिछले रबी सीजन में बेमौसम बारिश के कारण तकरीबन 68.2 लाख टन अनाज बर्बाद हो चूका था तथा इसी प्रकार इस वर्ष 2015 के फरवरी-अप्रैल में 182.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल या संपूर्ण रबी बुआई रकबे का 29.61 फीसदी प्रभावित हुआ, तथा जिसमे गेहूं की फसल 6-7 फीसदी थी. रिपोर्ट में कहा गया है की 86.3 लाख टन की गिरावट प्रमुख खाद्यान्न फसलों के उत्पादन में थी व इसमें जिससे 15,777 करोड़ रुपये मूल्य के खाद्यान्न का नुकसान अंकित है.