भारत ने सीमापार से राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बताया चिंता की वजह
भारत ने सीमापार से राज्य प्रायोजित आतंकवाद को बताया चिंता की वजह
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नई दिल्ली : भारत ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए सीमा पार से राज्य प्रायोजित आतंकवाद को चिंता की अहम वजह बताया और विश्व समुदाय से आतंकवादी गतिविधियों को सहायता और शह देने वालों तथा आतंकियों को शरण देने वालों के प्रति कतई बर्दाश्त न करने की नीति का अनुसरण करने का आह्वान किया।

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन के प्रथम सचिव मयंक जोशी ने तीसरी कमेटी में क्राइम प्रेवेंशन एंड इंटरनेशनल ड्रग कंट्रोल पर एक सत्र में कहा कि आतंकवाद हमारे समय की सबसे गंभीर समस्या के रूप में उभरा है और इसने अन्तरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और संपन्नता को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि सीमा पार से राज्य प्रायोजित आतंकवाद भारत के लिए खास तौर से चिंता का सबब है।

जोशी ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद और इसे सहायता एवं शह तथा इसे अंजाम देने वालों को पनाह देने वालों के प्रति कतई बर्दाश्त न करने की नीति का अनुसरण करना चाहिए। वस्तुत: पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए जोशी ने कहा कि एक देश जो मासूम लोगों के खिलाफ आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वालों को पनाह देता है सभी देशों के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को तेजी से बढ़ते आधुनिक और वैश्विक आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए जरूरी इच्छाशक्ति दिखानी चाहिए और इसपर अंकुश लगाने का मजबूत ढांचा तैयार करने के लिए व्यापक संधि करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सायबरक्राइम के बढ़ते खतरे में परंपरागत लड़ाइयों से कहीं ज्यादा घातक होने की ताकत है और इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता और वैश्विक सहयोग की दरकार है।

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