रक्षा क्षेत्र में नज़र आ रहा भारत की आत्मनिर्भरता का तेज !
रक्षा क्षेत्र में नज़र आ रहा भारत की आत्मनिर्भरता का तेज !
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भारत एक ऐसा देश जिसे सपेरों का देश और किवदंतियों में जीने वालों का देश कहा जाता था. यह वह देश था जिसे 100 से अधिक साल तक अंग्रेजों द्वारा लूट लिया गया था. यह देश पिछड़ों, गरीबों और कई तरह की मान्यताओं वाला कहा जाता था।

इस देश को लेकर इतनी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि यह कोई यंत्र स्वयं से भी इजाद नहीं कर सकता है लेकिन जब भारत ने स्वनिर्मित तेजस का परीक्षण किया तो समूचा विश्व भारत के गगनभेदी हौंसले को देखकर दांतो तले अंगुलियां दबाने लगा. हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब देश को स्वदेशी निर्मित उपकरणों सैन्य साजोसामान के कारण गौरवान्वित होना पड़ा।

भारत स्वयं की तकनीक पर आधारित सुपर कंप्युटर का निर्माण कर चुका है. तो दूसरी ओर उसने स्वदेशी निर्मित हेलिकॉप्टर धु्रव का न केवल सफल परीक्षण किया बल्कि इन हेलिकॉप्टर्स को कई देशों को उपलब्ध भी करवाया. भारत की अग्नि मिसाईल और पृथ्वी मिसाईल का विवरण करने की तो किसी भी तरह की आवश्यकता ही नहीं है।

दरअसल ये ऐसी शक्तियां हैं जो भारत को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती हैं इतना ही नहीं यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम दर्शाता है। एक ऐसा समय जब विश्व में हथियारों की होड़ चल रही हो।

तमाम संधियों का हवाला देने के बाद भी चीन, अमेरिका, उत्तरकोरिया, रूस जैसे देश परमाणु लैस और हाईड्रोजन बम जैसे परीक्षण कर रहे हों ऐसे में भारत द्वारा अपने स्तर पर हथियार, एयरक्राफ्ट, मिसाईलें आविष्कृत करना इसके रक्षा बजट को कम करता है। जो कि एक विकासशील राष्ट्र की महत्वपूर्ण जरूरत भी है।

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