नई दिल्ली : भारत ने चीन से निपटने के लिए अमेरिका से मदद मांगी है। चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सीमा में लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए भारत ने अमेरिका से मानव रहित ड्रोनों की मांग की है। इससे भारत की ताकत भी बढ़ेगी। इन ड्रोनों में निरीक्षण करने वाले ड्रोन और हथियारबंद ड्रोन दोनो शामिल है। इसके लिए दोनो देशों की सरकारों के बीच बातचीत चल रही है।
जानकारों का कहना है कि भारत ऐसे 100 ड्रोन चाहता है। जिसकी कुल कीमत 2 अरब डॉलर होगी। भारत ने आधुनिक एवेंजर ड्रोन की मांग की थी, जो कि मानव रहित है। साथ ही भारत ने प्रई डेटर एक्सपी श्रेणी के ड्रोन की भी मांग की है। ये आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों और आतंकी खतरों के लिए निरीक्षणकर्ता की भूमिका निभाते है। वैसे तो इस मामले में बात बहुत समय से जारी है, लेकिन अब तक अमेरिका ने इस बारे में कोई संकेत नही दिए है।
कहा जा रहा है कि अपने नौसैनिकों के साथ नई दिल्ली द्वारा किए गए व्यव्हार से इटली नाराज है और इसी कारण भारत को मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था का सदस्य बनने से रोक कर रखा गया है। हांलाकि कहा जा रहा है कि भारत और अमेरिका अगले कुछ माह में इन अवरोधों को भी पार कर लेंगे। भारत का कहना है कि अमेरिकी निर्यात नियमों के कारण अमेरिकी सरकार को प्रीडेटर श्रेणी की आरपीए भारत को निर्यात करने के लिए मंजूरी देनी होगी।