देश में कोरोना संक्रमण का आकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. वही, नए कोरोना वायरस के कारण हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल में आई तेजी को रोकने के लिए सरकार ने इस दवा की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है.दरअसल, लोग इंटरनेट व सोशल मीडिया पर वायरस के संक्रमण से बचने के लिए दिए गए आधे-अधूरे जानकारियों से इस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो घातक हो सकता है.अब यह दवा तभी मिल सकेगी जब डॉक्टरों द्वारा पर्ची पर इसके इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी.बता दें कि यह दवा मलेरिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है.
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इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरूवार को देर रात अधिसूचना जारी कर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और उसके फार्मूले पर बनने वाली अन्य सभी दवाओं को ड्रग एंड कास्मेटिक्स एक्ट की एच1 सूची में डाल दिया गया है.इस सूची में शामिल दवा को पंजीकृत डाक्टर की अनुसंशा के बगैर नहीं बेचा जा सकता है.साथ ही केमिस्ट के लिए डाक्टर की उस पर्ची को ड्रग विभाग को भी जमा कराना होता है.अभी तक इस सूची में एड्स समेत ऐसी गंभीर बीमारियों की दवाएं हैं, जिनका शरीर पर गहरा दुष्प्रभाव होता है, लेकिन मरीज की जान बचाने के लिए उसे इन दवाओं को देना जरूरी होता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सरकार के इस फैसले के बाद अब कोई भी केमिस्ट इस दवा को केवल पंजीकृत डाक्टर की पर्ची पर बेच सकेगा साथ ही उसे उस पर्ची की एक प्रति ड्रग विभाग को जमा करानी होगी.मलेरिया की दवा की बिक्री पर प्रतिबंध पहली बार लगा है.अभी तक इस दवा को बिना डाक्टर की पर्ची के भी कोई भी खऱीद सकता था.
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