41 साल पुराना सीमा विवाद खत्म, 22 समझौते और दो बस सेवाएँ
41 साल पुराना सीमा विवाद खत्म, 22 समझौते और दो बस सेवाएँ
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ढाका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बांग्लादेश के दौरे पर है, उनके इस दौरे में आज दोनों देशों के बीच 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गये । इनमें सबसे महत्वपूर्ण है ‘भूमी अनुबंध’ जिसके जरिये 41 साल से चल रहा सीमा संबंधी विवाद अब हल कर लिया गया है । इसके अंतर्गत 162 विवादित गाँवों में से 111 गवों की करीब 17,000 एकड़ जमीन बंगलादेश को मिली है और भारत को 51 गाँव मिले है । रक्षा विशेषज्ञ कर्नल दानवीर सिंह ने इस पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि हमे समझौते मे बांग्लादेश की जो भूमि मिली है उसका इस्तेमाल कर भारत अपने उत्तर पूर्व के इलाके में विकास का काम तेजी से कर सकता है। बांग्लादेश के चटगांव बन्दरगाह के जरिए उत्तर पूर्व के राज्यों को मदद मिल सकती है और इस बन्दरगाह के जरिए इन इलाकों में आसानी निर्यात किया जा सकता है।

इस क्षेत्र के विकास से इम्फाल-तामू-यंगुन-सिंगापुर पैसेज (मार्ग) का तेजी से विकास हो सकता है। इसके अलावा इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने आज दोनों देशों के बीच दो बस सेवाओं को भी हरी झंडी दिखायी । इनमें से एक बस सर्विस कोलकाता-ढाका-अगरतला के बीच होगी और दूसरी ढाका-शिलांग-गुवाहाटी के बीच होगी। अधिकांश कार्यक्रमों मे मोदी के साथ पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना भी मौजूद रहीं। बंगलादेश कि राजधानी ढाका में पहले तो दोनों देशों के बीच प्रतिनिधी-मण्डल स्तर कि बातचीत हुई; फिर दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच एक बैठक हुई । इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक पत्रकार-वार्ता को भी संबोधित किया ।

प्रेस को सम्बोधन में मोदी ने कहा कि ‘सोनार बांग्ला’ का सपना बंग-बंधु शेख मुजीब-उर रहमान की शहादत से पूरा हुआ है और बांग्लादेश से भारत का भावनात्मक लगाव है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीस्ता नदी जल बंटवारे जैसे मुद्दों को बातचीत से सुलझाने की भरोसा जाहिर किया । वहीं, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश की आजादी में भारत के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता है और अब दोनों देशों के बीच संबंधों मे और भी नजदीकी आ गयी है । उल्लेखनीय है कि बतौर पीएम, मोदी का यह बीसवां विदेश दौरा है और उनके हर विदेश दौरे कि तैयारी पीएम ऑफिस व विदेश मंत्रालय मिलकर और जमकर करते हैं ।ऐसा लगने लगा है कि विदेश मंत्रालय में दो नहीं तीन स्तर के मंत्री हैं । एक कैबिनेट से ऊपर प्रधानमंत्री, दूसरी विदेशमंत्री और तीसरे विदेश राज्यमंत्री ।

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