टैक्स नियमों पर दें ध्यान, वर्ना मिल सकता है नोटिस
टैक्स नियमों पर दें ध्यान, वर्ना मिल सकता है नोटिस
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हाल ही में इनकम टैक्स विभाग के द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है. जिसके द्वारा लोगो को यह कहा गया है कि वे इनकम टैक्स रिटर्न में ब्याज से होने वाली आय को सही रूप से पेश करें. विभाग का मनना है कि लोगो के द्वारा सेविंग्स स्कीम से मिलने वाले ब्याज को आय में जोड़कर नहीं दिखाया जा रहा है, जबकि आपको इस बात से अवगत करवा दे कि अधिकतर स्कीम्स ऐसी है जहाँ से मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है.

साथ ही विभाग से यह बात भी सामने आई है कि ब्याज आय को आईटी रिटर्न में दिखना भी कानूनन रूप से जरुरी है. बता दे कि बैंक एफडी और आरडी से जो आय होती है वह भी टैक्सेबल के दायरे में आती है और यहाँ से भी आपको किसी तरह की छूट नहीं मिलती है. इस मामले में एक टैक्स एक्सपर्ट का यह कहना है कि आय में आपके स्लैब के अनुसार 10, 20 या फिर 30 फीसदी आयकर देना जरुरी होता है.

यदि आपके बैंक के द्वारा 10 फीसदी टीडीएस भी काट लिया जाता है तब भी ऐसी स्थिति में आपको ब्याज आय का ब्यौरा देना जरुरी होता है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि जमा खाता के मामले में वार्षिक रूप से 10,000 रुपये तक का ब्याज सेक्शन 80 टीटीए के तहत टैक्स फ्री बताया जाता है. लेकिन इससे अधिक की ब्याज आय होने पर यह भी आपकी आय में जुड़ जाता है और टैक्सेबल होता है.

जानकारी को ही आगे बढ़ाते हुए आपको यह भी बता दे कि यदि आपका इन्वेस्टमेंट एनएससी, पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट, इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम या किसान विकास पत्र में भी किया जा रहा है तो यहाँ से मिलने वाले ब्याज पर भी आपको टैक्स पे करना होगा. केवल पीपीए और टैक्स फ्री बॉन्ड में निवेश करने पर जो ब्याज मिलता है वह टैक्स फ्री होता है. एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए आपको बता दे कि यदि आपने पिछले वर्षों के दौरान इन नियमों पर ध्यान नहीं दिया है तो आपको कभी भी टैक्स विभाग का नोटिस मिल सक्ने की पूरी सम्भावना बनती है.

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