हमारा कार्यक्षेत्र दुकान, शोरूम हो या हमारा ऑफिस हो, उस जगह का प्रवेश द्वार और अंदर की साज-सज्जा वहां की तरंगों को प्रभावित करती हैं जिसके फलस्वरूप हमें जीवन में, हमारे कार्यों में हमें सकारात्मकता और नकारात्मकता दिखाती हैं। जैसे दक्षिण और पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार खाद्य और मनोरंजन व्यवसाय के लिए शुभ माना जाता है। यदि कार्य महिला वस्त्रों का हो तो दक्षिण-पूर्व की ओर का द्वार अच्छा होता है। इसी त्रह यदि हमारा काम स्टेशनरी या पुस्त्क वगैरह का हो तो हमें अपना प्रवेश द्वार पश्चिम की ओर राना लाभप्रद रहेगा। इस काम की दुकानों में बैठकर व्यापार करते वक्त हमारा मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो तो बेहतर होगा।
तैयार माल दुकान में उत्तर -पश्चिम की ओर राना वास्तु के अनुसार सही माना जाता है। वहीं दुकानों और शोरूम में हल्के रंगों का उपयोग बेहतर होता है। हमारे कार्यस्थल पर भी पूजा का स्थान बहुत् महत्वपूर्ण होता है, इसीलिए पूजास्थल हमेशा उत्तर-पूर्व में होना चाहिए। साथ ही नित्य ही हमें कार्यस्थल की नित्य साफ-सफाई और अगरबत्ती या धूप-बाती जलानी चाहिए। इससे वहां पर सकारात्मक तरंगें आती हैं। अगर आप दुकान पर बैठते हैं तो मालिक का काउंटर भी उत्तर या पूर्व दिशा में ही होना चाहिए। यदि हमारा कार्यस्थल ऑफिस है तो यहां पर हल्के रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए।
ये हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है। यों कि रंग और बाकी चीजें भी हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं। यदि हमारा ऑफिस बडा है तो हम वहां चमकीले रंगों का प्रयोग कर सकते हैं, वहीं अगर ऑफिस छोटा है तो वहां हल्के और पेस्टल रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। ऑफिस में अगर हमारा केबिन दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर है तो भी यह लाभकारी होता है।
ऑफिस में कभी भी मुख्य द्वार की ओर पीठ करके नहीं बैठना चाहिए। अगर ऐसा है तो अपनी कुर्सी के पीछे पर्वत् या पहाड का चित्र लगाएं। अगर अपनी फोटो लगानी हो तो दक्षिण दिशा की त्रफ लगाएं। ऑफिस या दुकान में पानी की व्यवस्था उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए। ध्यान रहे प्रवेश द्वार के आस-पास का क्षेत्र पूर्ण रूप से साफ होना चाहिए। इन कुछ बातों को ध्यान में राकर आप अपने जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं।