पंचामृत से बढ़ाए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता
पंचामृत से बढ़ाए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता
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मानव शरीर ऐसा है कि आए दिन हमे कोई ना कोई बिमारी घेर ही लेती है. हम इन बिमारी से निपटने के लिए डॉक्टर को मोटी फिश देते है और कई साड़ी दवाइयाँ भी खा जाते है. लेकिन यदि आप इन सब से बचना चाहते है तो बेहतर होगा कि आप अपने शरीर कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए. ऐसा करने से आपको कोई बिमारी छु भी नहीं पाएगी. 

 रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का एक तरीका है पंचामृत. तो आइए जाने इसका उपयोग कैसे किया जाए

गिलोय-रस 10 से 20 मिलीग्राम, घृतकुमारी रस 10 से 20 मिलीग्राम, गेहूं का ज्वारा 10 से 20 मिलीग्राम, तुलसी-7 पत्ते, सुबह शाम खाली पेट सेवन करने से कैंसर से लेकर सभी असाध्य रोगों में अत्यन्त लाभ होता है. यह पंचामृत शरीर की शुद्धि व रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए अत्यन्त लाभकारी है.

सर्दी जुकाम, बुखार आदि में एक अंगुल मोटी व 4 से 6 लम्बी गिलोय लेकर 400 ग्राम पानी में उबालें, 100 ग्राम रहने पर पीयें. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता/इम्यून सिस्टम को मजबूत कर त्रिदोषों का शमन करती है व सभी रोगों, बार बार होने वाले सर्दी, जुकाम बुखार आदि को ठीक करती है.

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