सबसे पवित्र होता है शरीर का ये अंग
सबसे पवित्र होता है शरीर का ये अंग
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ललाट पर तिलक लगाना भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, प्राचीन काल से ही लोग अपने ललाट पर तिलक लगाते आये है. यही नहीं बल्कि कार्य के अनुसार राजा का राजतिलक भी किया करते थे. आपने देखा होगा कि भारत के अलावा शायद ही किसी जगह के लोग ललाट पर तिलक लगाते होंगे. रक्षाबंधन, नागपंचमी और भैयादूज के अवसर पर बहनें अपने भाइयों के मस्तक के अग्रभाग पर तिलक लगाकर उनके लिए मंगलकामना करती हैं. 

इसके अलावा जब हम किसी मंदिर में प्रवेश करते तो पंडितो द्वारा हमें टिका लगाया जाता है लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा कि आखिर टिका ललाट पर ही क्यों लगाया जाता है. अगर नहीं तो आज हम आपको बताएँगे कि तिलक लगाने का क्या महत्व है और इसे सिर्फ ललाट पर ही क्यों लगाया जाता है.

दरअसल माना जाता है कि मनुष्य के मस्तक के मध्य में विष्णु भगवान का निवास होता है, और तिलक ठीक इसी स्थान पर लगाया जाता है. हिन्दु परम्परा में मस्तक पर तिलक लगाना शुभ माना जाता है इसे सात्विकता का प्रतीक माना जाता है.

किसी भी काम को पूरा करने जाने से पहले एक बहन अपने भाई को तिलक लगाकर भेजती है, सकुशल यात्रा की कामना के लिए, प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए, स्वागत-सत्कार करने के लिए भी प्राचीन काल से तिलक लगाने की शानदार परंपरा रही है. वैदिक शास्त्रों के अनुसार ललाट पर तिलक लगाना मतलब सफलता प्राप्त करना है तिलक को पवित्र तथा शुभ चिन्ह माना जाता है.

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