बलात्कार, बयान और बहसबाजी सफेद पोशाकधारियों की
बलात्कार, बयान और बहसबाजी सफेद पोशाकधारियों की
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दिल्ली का नांगलोई इलाका जो पिछले दिनों सुमित नागल के विंबलडन डब्ल्स का खिताब जीतने के कारण चर्चा में थी, वो एक बार फिर चर्चा में है, पर इस बार कारण बेहद शर्मनाक है। राजधानी दिल्ली में अभी चार साल की बच्ची के साथ बलात्कार की बेरहम घटना ने ठीक से करवट भी नहीं ली की हफ्ते भर बाद ही दिल्ली में दो बच्चियों के साथ रेप की घटना सामने आ गई। दिल्ली के नांगलोई व आनंद विहार में दो बच्चियों के साथ निर्मम वारदात को अंजाम दिया गया। इन दोनों ही बच्चियों को इसमें गंभीर चोटें आई है।

पहला मामला है, ढाई साल की बच्ची का है। जो शुक्रवार को रामलीला देखने गई थी और वहीं से उसे दो बदमाशों ने अगवा कर लिया। बत्ती गुल होने का फायदा उठाकर इस दुष्कर्म को अंजाम दिया गया। बाद में बच्ची पार्क में बेसुध हालत में मिली। दूसरा मामला है, पाँच साल की बच्ची का। जहाँ तीन लोगों ने मिलकर इस नृशंस वारदात को अंजाम दिया है। घर पर बच्ची अकेली थी, तभी पड़ोसी उसे अपने घर ले गए और दुष्कर्म के बाद उसे वहीं छोड़ फरार हो गए है।

सरकार अब तो हो शर्मसार

घटना के सामने आते ही नेता से लेकर नेशनल कमीशन फॉर वुमन तक सब बयान बघार रहे है। आरोप-प्रत्यारोप का गौर शुरु है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री, लेफ्टिनेंट गवर्नर व दिल्ली पुलिस से सवाल तलब किया है। पूछ रहे है कहाँ है सरकार और दिल्ली पूलिस। पर सवाल ये है कि भारत में जिस चुनाव को हम महापर्व बनाकर, ऑफिस से छुट्टियाँ लेकर वोट डालने जाते हैऔर सरकार चुनते है, वो मौका आने पर हमें ठेंगा के सिवाए कुछ भी नही देते। फिर भी हम हर बार इन्हें चुनकर सतारुढ़ करते है। केजरीवाल कहते है पुलिस मोदी के अधीन है, मोदी जी कहते है एल जी के पास है, दिल्ली पुलिस कहती है हम किसी के अधीन नहीं है। ऐसे में जनता पीसती रहती है।

पर नेता है कि मानते ही नहीं

राजनीति की कथा बिल्कुल उस उफनती नदी सी है, जहाँ एक कंकड़ फेंकने भर से ही बाढ़ आ जाती है। घटना को घटे दिन बीतते भी नही है कि शुरु हो जाता है तू-तू मैं-मैं का दौर। ताजा बयान है भाजपा के मंत्री श्याम जाजू का। कहते है ये तो छोटी-मोटी बात है, कोई पूछे इनसे कि कभी मृत्यु शैय्या पर लेटकर कैसा लगता है। हर बार और बार-बार ये बयान देते है और हम सुनते है। इससे पहले भी एमपी भाजपा के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी बेहद शर्मनाक बयान देते हुए कहा था कि “अब सीता जी लक्ष्मण रेखा लांघेगी तो रावण तो हरेगा ही”। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने भी कहा था कि “लड़को से गलतियाँ हो जाती है”। इतने से मन नहीं भरा, तो दोबारा कह गए कि “4 लड़के एक साथ रेप करे प्रैक्टिकली मुमकिन ही नही”। कहावत है बकरे की जान जाए और खाने वाले को स्वाद ही न आए। ये तो चंद उदाहरण मात्र है।

मलेरिया के बुखार की तरह चार दिन खाप के फरमान जारी होंगे। कोई कहेगा कपड़े कम है, तो कोई कहेगा मोबाइल का असर है, तो कोई इंटरनेट को कोसेगा। कोई पूछे इनसे कि कपड़े में लिपटी और अधेड़ उम्र की महिलाँए भी कहाँ सुरक्षित है?

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