'अगर ये काम 75 साल पहले हो जाते तो हमने राजनीति में आने की जरूरत नहीं होती', विधानसभा में बोले CM केजरीवाल
'अगर ये काम 75 साल पहले हो जाते तो हमने राजनीति में आने की जरूरत नहीं होती', विधानसभा में बोले CM केजरीवाल
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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में उपराज्यपाल विनय सक्सेना के अभिभाषण पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने धन्यवाद भाषण में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हमने एजुकेशन, हेल्थ एवं इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में बहुत काम किया है, जिसके लिए  पूरे देश में दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है। उन्होंने सदन में उपराज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा, दिल्ली सरकार आज बहुत काम कर रही है। यदि ये काम 75 वर्ष पहले हो जाते तो हमने राजनीति में आने की आवश्यकता नहीं होती। पूरे देश के भीतर दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है। हमने दिल्ली में बिजली, स्कूल, अस्पताल, सड़कें ठीक कर दी। अभी पानी पर थोड़ा काम और करना है।

इसके चलते केजरीवाल ने शिक्षा का ज्रिक करते हुए कहा, हमने शिक्षा में बहुत इन्वेस्टमेंट किया है। अच्छे सरकारी स्कूल बनवाएं। 4 से 5 लाख बच्चों ने प्राइवेट से सरकारी विद्यालय में भेजा। हम दिल्ली में शिक्षा दे सकते हैं तो पूरे देश में भी शिक्षा दे सकते हैं। गुजरात में 6 हजार सरकारी स्कूल, असम में 4500 सरकारी स्कूल बंद कर रहे हैं। यहां बच्चों को प्राइवेट स्कूल के लिए फोर्स किया जा रहा है। केवल दिल्ली में स्मार्ट सरकारी स्कूल हैं। देश में 10 लाख सरकारी स्कूल में 17 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। सिर्फ 5 लाख करोड़ रुपये में देश के सारे सरकारी स्कूल अच्छे बन सकते हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया, दिल्ली एवं पंजाब में 24 घंटे बिजली रही है। देश में 24 घंटे बिजली क्यों नहीं आती है? देश में बिजली की कमी नहीं है। हम 4 लाख मेगावाट बिजली बना सकते हैं, जबकि हमारी आवश्यकता केवल 2 लाख मेगावाट की है। केंद्र ने 10 वर्षों में क्या किया। उन्हें हमसे सीखना चाहिए। पूरे देश में 200 यूनिट बिजली निशुल्क देने के लिए डेढ़ लाख रुपये चाहिए, मगर गरीब को फ्री बिजली नहीं मिलेगी, उन्होंने 11 लाख करोड़ रुपये का अपने दोस्तों का लोन माफ कर दिया। हमें दुःख इस बात का है हमारे काम रोके जा रहे हैं। हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है।

केजरीवाल ने सदन में बोलते हुए कहा कि दिल्ली में अमीर हो या गरीब को निशुल्क उपचार प्राप्त हो रहा है, मगर इन्होंने चिकित्सालयों का बेड़ागर्क करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने आगे केंद्र की आयुष्मान भारत योजना पर निशाना साधते हुए कहा कि आयुष्मान कार्ड से एक परिवार का वर्ष में 5 लाख का इलाज होगा। इसके लिए चिकित्सालय में भर्ती होना आवश्यक है। अधिकतर प्रदेशों पर चिकित्सालय नहीं हैं, कार्ड का क्या करेंगे। आयुष्मान भारत उनके लिए जिनका सालाना वेतन ढाई लाख से कम हो, मगर हमने तो दिल्ली के चिकित्सालयों में उपचार एवं दवाई मुफ्त कर रखी है। तो बताएं आयुष्मान अच्छा हुआ या केजरीवाल का मॉडल अच्छा हुआ।

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