जुलुस पर हमला हुआ तो 'आयोजक' ही जिम्मेदार होंगे ! गणेश चतुर्थी के लिए बैंगलोर पुलिस के ये कैसा निर्देश ?
जुलुस पर हमला हुआ तो 'आयोजक' ही जिम्मेदार होंगे ! गणेश चतुर्थी के लिए बैंगलोर पुलिस के ये कैसा निर्देश ?
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बैंगलोर: कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में सरकार बनते ही कांग्रेस ने सबसे पहले धर्मान्तरण विरोधी कानून को निरस्त कर दिया था, जो अवैध तरीके से धर्मान्तरित किए जा रहे लोगों को सुरक्षा देता था। वहीं, कांग्रेस सरकार ने गौहत्या विरोधी कानून को भी रद्द करने के संकेत दे दिए थे। कर्नाटक के पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान मंत्री के वेंकटेश ने एक बयान में कहा था कि, 'जब भैंस काटी जा सकती है, तो गाय क्यों नहीं ? हम उस कानून पर विचार करेंगे और फैसला लेंगे।' यानी, आने वाले दिनों में गौहत्या पर से भी प्रतिबंध हट सकता है। 
 
वहीं, अब शहर में सोमवार से शुरू हो रहे गणेश चतुर्थी समारोह से पहले, बैंगलोर पुलिस ने त्योहार के दौरान पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर गणेश प्रतिमा स्थापित करने के लिए अनुमति अनिवार्य कर दी है।

पुलिस द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश :-

1 गणेश प्रतिमा की स्थापना के लिए अवैध धन संग्रह वर्जित है।

2 सार्वजनिक स्थानों पर गणेश प्रतिमा की स्थापना के लिए पुलिस की अनुमति अनिवार्य है।

3 पंडाल लगाने के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी। 

4 विवादित स्थलों पर गणेश प्रतिमाएं स्थापित नहीं करनी चाहिए।

5 जुलूस के दौरान किसी भी अप्रिय घटना के लिए आयोजक ही जिम्मेदार होंगे। बैंगलोर पुलिस का ये निर्देश कुछ विवादित प्रतीत होता है, क्योंकि बीते कुछ समय में हिन्दू त्योहारों के दौरान निकाले गए जुलूसों-शोभायात्राओं पर हमले के कई मामले सामने आए हैं। नूंह में हुआ हमला इसका ताजा उदाहरण है। लेकिन, बैंगलोर पुलिस ने इसके लिए आयोजकों को ही जिम्मेदार ठहराने का निर्देश जारी किया है। यानी अगर जुलुस पर हमला होता है तो, पीड़ित ही 'कसूरवार' होंगे। 

6 आयोजकों को पंडालों में अग्निशमन उपकरण और सीसीटीवी रखने होंगे। 

7 पंडालों में लकड़ी, मिट्टी का तेल और आग से संबंधित सामग्री प्रतिबंधित है।

8 पंडालों में बिजली के लिए बेंगलुरु इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (BESCOM) और अग्निशमन विभाग की अनुमति अनिवार्य होगी।

9 स्पीकर का इस्तेमाल सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही किया जा सकेगा।

10 डीजे साउंड सिस्टम पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।

11 मूर्ति विसर्जन रात 10 बजे से पहले पूरा करना होगा।  

बता दें कि, बैंगलोर में बड़े पैमाने पर गणेश उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसको देखते हुए बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति देने के लिए शहर भर में 63 एकल-खिड़की निकासी केंद्र स्थापित किए हैं।

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