नई दिल्ली : रिजर्व बैंक द्वारा कल गुरुवार को प्रतिभूतियों की प्रत्यक्ष बिक्री के संबंध में जारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण आईसीआईसीआई बैंक पर 26 मार्च के एक आदेश के तहत 58.9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाए जाने के बाद आज आईसीआईसीआई ने अपनी एमडी चंदा कोचर का बचाव करते हुए स्पष्टीकरण जारी किया.
इस स्पष्टीकरण में आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के चेयरमैन एमके शर्मा ने बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर का बचाव करते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी में कर्ज समिति के फैसले को प्रभावित कर पाने की क्षमता नहीं है. कोचर लोन को मंजूरी देने वाली क्रेडिट कमेटी में शामिल थीं लेकिन वो इसकी चेयरपर्सन नहीं थीं.चंदा कोचर ने रिजर्व बैंक और बैंकिंग सेक्टर के कायदों के अनुसार तमाम डिस्क्लोजर भी दिए थे.
आपको बता दें कि बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) द्वारा गुरुवार को लगाए गए 58.9 करोड़ रुपए के जुर्माने पर भी सफाई देते हुए बैंक ने कहा है कि वो गलती से आर.बी.आई. को जानकारी नहीं दे पाया. बैंक आर.बी.आई. की ओर से जारी सभी नियमों का पालन करता है.2017 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आर.बी.आई. से साझा करेंगे. वीडियोकॉन ग्रुप को आई.सी.आई.सी.आई. बैंक ने 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया था. इसका 86 फीसदी हिस्सा ही भुगतान किया गया.बाद में वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत की मदद से बनी एक कंपनी को चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की नेतृत्व वाले ट्रस्ट के नाम कर दी गई.इसमें चंदा कोचर पर अपने ससुराल वालों को लाभ पहुँचाने का आरोप लगाया गया.
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