नई दिल्ली: असम में भाजपा की जीत के रणनीतिकार रजत सेठी ने इस विजय के लिए खुद को श्रेय देने के बजाय संगठन शक्ति को देते हुए कहा कि मैं पीके यानी प्रशांत किशोर नहीं हूँ|
इन्डियन एक्सप्रेस से बात करते हुए 30 वर्षीय रजत सेठी ने कहा कि हम जीते क्योंकि हमारे पास अजेय गठबंधन था. जिसमें कई समुदाय और जन जातियां शामिल थीं. सर्वानंद सोनोवाल की साफ़ छवि और हेमंत बिस्व सरमा के उत्साह से मदद मिली|
कानपुर से ताल्लुक रखने वाले रजत की आरंभिक शिक्षा शिशु मन्दिर से शुरू हुई. खडगपुर आईआईटी से बी.टेक करने के बाद अमेरिका में एमआईटी और हार्वर्ड कैनेडी स्कूल से पढ़ाई की.उनका ख़ास फोकस मैनेजमेंट पर था. असम की जिम्मेदारी असम प्रभारी राम माधव ने जुलाई 2015 में सौंपी थी. उनकी सहयोगी मिरांडा कालेज से पढ़ाई करने वाली 28 वर्षीय शुभ्रस्था सिटीजन्स फॉर अकाउन्टेबल की सह संस्थापक है. उसने गत लोक सभा चुनाव में भी काम किया था|
सेठी ने कहा राम माधव ने 32 जिलों और 25 हजार बूथों पर लोगों को एकजुट करने की जिम्मेदारी दी गई. गुवाहाटी में एक फ़्लैट किराए से लेकर उसे वार रूम बनाया गया. हर काम बहुत बारीकी से किया गया.मात्र 5 बीजेपी विधायकों के होने पर भी अमित शाह सरकार बनाने को आश्वस्त थे. कांग्रेस द्वारा गोधरा ट्रेन और कुतुबुद्दीन अंसारी की फोटो लगाना भारी पड़ा. एजीपी से गठबंधन के लिए केमेस्ट्री की कमी थी लेकिन गणित ने गठबंधन के लिए अमित शाह को राजी किया गया|