बुखार शरीर का कुदरती सुरक्षा तंत्र है जो संक्रमण (इन्फ़ेक्शन) से मुक्ति दिलाता है. इसलिये बुखार कोई बीमारी नहीं है. शरीर का बढा हुआ तापमान रोगाणुओं के प्रतिकूल होता है. लेकिन ज्वर जब 40 डीग्री सेल्सियस अथवा 104 डीग्री फ़ारेनहीट से ज्यादा हो जाता है तो समस्या गंभीर हो जाती है.
ज्वर आने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सर्दी-खांसी, थकावट, चिंता, रोगाणुओं का संक्रमण और दिमागी तनाव प्रमुख कारण होते हैं. घरेलू चिकित्सा से ज्वर दूर करना प्रयोजनीय और हितकारी है.
उपाय #1: ललाट और सिर पर बर्फ़ या पानी की गीली पट्टी रखें. इससे आपके शरीर का तापमान शीघ्र ही नीचे आ जाएगा.
उपाय #2: बुखार में होने वाले शारीरिक दर्दों के निवारण के लिये हाथ, पैर, ऊंगलियां गर्दन, सिर, पीठ पर सरसों के तैल की मालिश करवानी चाहिये. इससे शारीरिक पीडा शांत होगी और सूकून मिलेगा. बिजली चलित मस्राजर का उपयोग भी किया जा सकता है.
उपाय #3: ज्वर के रोगी को अधिक मात्रा में उबला हुआ या फ़िल्टर किया हुआ पानी पीना चाहिये. इससे अधिक पेशाब और पसीना होकर शरीर की शुद्धि होगी. जहरीले पदार्थ बाहर निकलेंगे.